सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने 15 जुलाई, 2019 को लोकसभा में मोटर वाहन (संशोधन) बिल, 2019 पेश किया। यह बिल सड़क सुरक्षा प्रदान करने के लिए मोटर वाहन एक्ट, 1988 में संशोधन का प्रस्ताव करता है। यह एक्ट मोटर वाहनों से संबंधित लाइसेंस और परमिट देने, मोटर वाहनों के लिए मानक और इन प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए दंड का प्रावधान करता है।
विधेयक की प्रमुख विशेषता
सड़क सुरक्षा की दशा में उठाए जाने वाले कदम
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सड़क की श्रेणी |
सड़कों की लंबाई (कि.मी.) |
राष्ट्रीय राजमार्ग |
1,14,158 |
राज्य राजमार्ग |
1,75,036 |
जिला सड़कें |
5,86,181 |
ग्रामीण सड़कें |
41,66,916 |
शहरी सड़कें |
5,26,483 |
परियोजना वाली सड़कें |
3,28,897 |
कुल |
58,97,671 |
सड़क परिवहन सड़कें परिवहन की एक बहुआयामी एकीकृत प्रणाली का हिस्सा हैं, जो हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों बंदरगाहों और अन्य लॉजिस्टिक हब जैसे महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ती हैं तथा अबाध आपूर्ति प्रबंधन में महत्वूपर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए आर्थिक संवृद्धि के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती है। यह रेल, हवाई यातायात और अंतर्देशीय जलमार्गों की तुलना में परिवहन का प्रमुख साधन है, इसकी हिस्सेदारी जी. वी. ए. की लगभग 3.14 प्रतिशत है तथा देश भर में माल ढुलाई एवं यात्री यातायात में इसकी हिस्सेदारी क्रमशः 69 प्रतिशत और 90 प्रतिशत है। भारतीय सड़क प्रणाली का सकल लम्बाई के मामले में विश्व में दूसरा स्थान है, जबकि 67 लाख किलोमीटर लंबाई के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका प्रथम स्थान पर है। भारतीय सड़क प्रणाली में राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्ग, जिला, ग्रामीण, शहरी एवं परियोजना वाली सड़कें शामिल हैं। भारत में 01 मार्च, 2017 की स्थिति के अनुसार लगभग 58.98 लाख किमी. का सड़क नेटवर्क है; जिसमें ग्रामीण सड़कें 70.65% और राष्ट्रीय राजमार्ग 1.94 प्रतिशत हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग कुल यातायात का भार लगभग 40% वहन करता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा राजमार्गों के महत्व को देखते हुए वर्ष 2018-19 को ‘निर्माण वर्ष’ घोषित किया था। यह देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क के विस्तार और उन्नयन के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सड़क निर्माण की गति में वृद्धि हुई। तुलनात्मक रूप से जहां वर्ष 2014-15 में प्रतिदिन 12 किमी. सड़क का निर्माण होता था, वहीं वर्ष 2018-19 में प्रतिदिन 30 किमी. की औसत से सड़कों का निर्माण हुआ। सरकार द्वारा भौतिक संपर्क को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, औद्योगिक गलियारों, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, भारतमाला एवं सागरमाला परियोजना, जलमार्ग विकास और यूडीएएन आदि का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्तमान में सरकार द्वारा सड़कों एवं राजमार्गों के लिए भारतमाला परियोजना, यातायात की गति, सड़क सुरक्षा और आईटी अनुप्रयोग उपयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त परिवहन के बेहतरी एवं एकीकरण के लिए मल्टीमाडल परिवहन लागत कम करना, धन के नए स्रोतों की खोजऔर नए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
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