राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 और कार्रवाई कार्यक्रम जिसे 1992 में संशोधित किया गया उसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा की एक राष्ट्रीय प्रणाली स्थापित करना था,जिसमें सभी छात्र चाहे किसी भी पंथ, लिंग और धर्म का हो शामिल हैं। नीति की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
प्राथमिक शिक्षा
माध्यमिक शिक्षा
उच्च शिक्षा
छात्रों को महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, नैतिक और आध्यात्मिक मुद्दों पर विचार करने का अवसर प्रदान करना चाहिए। शिक्षा को सामाजिक एवं क्षेत्रीय असंतुलन को समाप्त करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और वंचितों एवं अल्पसंख्यकों के लिए उचित स्थान प्राप्त करने में एक सकारात्मक और हस्तक्षेपकारी भूमिका निभानी चाहिए। इसके तहत शिक्षा, वयस्क शिक्षा, पीडब्ल्यूडी (मानसिक रूप से विकलांग सहित) के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने, खुले विश्वविद्यालयों और दूरस्थ शिक्षा को बढ़ाने, बचपन की देखभाल और शिक्षा पर विशेष जोर देने पर जोर दिया गया है।
1992 में नीति में संशोधन किया गया था और विशिष्ट योजना दिशा-निर्देश जोड़े गए थे; जैसे प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा पर जोर ICDS, डे-केयर सेंटर आदि योजनाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए।