यह नीति जैव ईंधन को ‘मूल जैव ईंधन’ के रूप में वर्गीकृत करती है, जिसमें प्रथम पीढ़ी (1G) बायोएथेनॉल और बायोडीजल और ‘उन्नत जैव ईंधन’; दूसरी पीढ़ी (2G) इथेनॉल, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW) से लेकर ड्रॉप इन ईंधन तथा तीसरी पीढ़ी (3G) जैव ईंधन, जैव CNG आदि को श्रेणीबद्ध किया गया है, ताकि प्रत्येक श्रेणी में उचित वित्तीय और आर्थिक प्रोत्साहन बढ़ाया जा सके।