सोनिया गांधी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) ने 2013 में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सम्बन्ध में सिफारिशें की। इसका प्राथमिक उद्देश्य पीवीटीजी की स्थितियों का आंकलन करना और उनकी आजीविका की सुरक्षा के उपायों की सिफारिश करना था।
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) जनजातीय समुदायों के बीच उप-समूह है, जिन्हें अक्सर कुछ विशिष्ट संकेतों के आधार पर पहचाना जाता है; जैसे शिकार पर निर्भरता, भोजन संग्रह करना, कृषि-पूर्व स्तर की प्रौद्योगिकी, आबादी का शून्य या नकारात्मक विकास आदि। इनमें अन्य आदिवासी लक्षण जैसे आदिम लक्षण (primitive traits), विशिष्ट संस्कृति, भौगोलिक अलगाव आदि भी शामिल है।
अनुसूचित जनजातियों की जनगणना (2011) सामाजिक आर्थिक जनगणना (SECC), 2011 के अनुसार, देश में अनुसूचित जनजातियों से संबंधित निम्न निष्कर्ष सामने आयेः
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