इस समिति की स्थापना नागर विमानन मंत्रालय द्वारा एक तेजी से बढ़ती और आधुनिक बन रही महाद्वीपीय आकार की अर्थव्यस्था के आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम एवं विश्व स्तरीय नागर विमानन क्षेत्र को विकिसत करने के प्रयोजनार्थ रोडमैप तैयार करने के लिए की गई थी। समिति ने 8 दिसंबर, 2003 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें विदेशी निवेश, सामर्थ्य, व्यवहार्यता और सुरक्षा प्रोत्साहन एवं निजीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक परिवर्तन का सुझाव दिया गया। समिति की मुख्य सिफारिशें निम्नलिखित हैं: