रक्षा मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी आयोजित की गयी प्रदर्शनी का विषय ‘भारतः उभरता हुआ रक्षा विनिर्माण केंद्र’ और यह ‘रक्षा उत्पादों के डिजिटल रूपांतरण’ पर केंद्रित था।
भारत सऊदी अरब के बाद रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है, इसलिए प्रमुख वैश्विक कंपनियां भारतीय रक्षा बाजार में प्रवेश करने की इच्छुक हैं।
भारत को उभरते रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में पेश करते हुए सरकार भारतीय निर्माताओं के लिए दुनिया की नवीनतम तकनीकें लाने, मेक इन इंडिया का विस्तार करने और भारत को सिर्फ आयातक के बजाय रक्षा उपकरण निर्यातक के रूप में बदलना चाहती है।
रक्षा उपकरणों का डिजिटल रूपांतरण भविष्य में होने वाले युद्धों में प्रौद्योगिकी समेत कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स के महत्व का संकेत देता है।
यह कार्यक्रम जीवंत प्रदर्शनों में भारतीय सैन्य शक्ति और वायु शक्ति के विमान परेड को प्रदर्शित करता है। प्रमुख भारतीय कंपनियां इस रक्षा प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही थी, जिनमें लार्सन ऐंड टुब्रो, टाटा डिफेंस, अडानी डिफेंस, महिंद्रा डिफेंस आदि शामिल हैं। सैकड़ों भारतीय लघु और मध्यम रक्षा उत्पादन इकाइयां भी प्रदर्शनी में भाग ले रही हैं।
डीआरडीओ खुद मौजूदा प्रदर्शनी में सभी प्रौद्योगिकी समूहों से 500 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन किया, ब्रह्मोस मिसाइल इसका प्रमुख आकर्षण है। राफेल, बीएई, बोईंग, थेल्स, लॉकहीड मार्टिन, एमडीएल, ग्रिपेन जैसी 165 अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी आयोजन में हिस्सा लीं।