भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) की स्थापना 1 मार्च, 1948 को की गई थी। शुरुआत में आईबीएम ने विशुद्ध रूप से एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य किया और फिर खनन से सम्बंधित नियमों का सुझाव दिया।
1950 में आईबीएम को कार्यों का एक सेट सम्पन्न करने की शक्ति दी गयी और इसके अनुसार खानों और खनिज संभावनाओं का निरीक्षण एक नियमित गतिविधियों बन गई।
सरकार की नीति में परिवर्तन के साथ, आईबीएम द्वारा दो महत्वपूर्ण गतिविधियां शुरू की गईं। पहला देश की सभी खानों के लिए खनन की योजनाओं का प्रक्रमण एवं अनुमोदन और दूसरा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नियमों का क्रियान्वयन है।
आईबीएम का मुख्य उद्देश्य देश के खनिज संसाधनों के व्यवस्थित एवं वैज्ञानिक विकास और इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देना है।