इसकी शुरुआत 2018 में वुहान से हुई थी तथा इसका दूसरा सम्मलेन तमिलनाडु के मामल्लपुरम (चेन्नई) में संपन्न हुआ।
पृष्ठभूमि अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दो राष्ट्र प्रमुखों के बीच आयोजित होने वाली उच्चतम स्तर की कूटनीति वार्ता है। इसमें प्रत्यक्ष वार्ता के माध्यम से विचारों का स्पष्ट रूप से आदान-प्रदान होता है। यह किसी योजना या निश्चित प्रक्रिया से संचालित न होकर है, आवश्यकतानुसार आयोजित की जाती है। यह औपचारिक शिखर सम्मेलन के विपरीत होता है, जिसमें मुद्दे या एजेंडा पर आधारित कई तरह के परिणाम और लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं। वस्तुतः यह एक ऐसा मंच है, जहाँ दो राष्ट्र वैसे मुद्दे पर सहमति और सहयोग करते हैं, जो दूसरे देशों या विश्व को प्रभावित नहीं करते हैं। वुहान शिखर सम्मेलन ने डोकलाम संकट से उत्पन्न तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने इस बात को स्थापित किया कि द्विपक्षीय और अन्तरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए अनौपचारिक शिखर सम्मेलन की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। 21वीं सदी एशिया की सदी है तथा दोनों देशों ने यह स्वीकार किया है कि भारत और चीन दुश्मन न होकर आर्थिक हितों को मजबूत करने वाले महाशक्ति हैं। |
भारत-चीन अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के परिणाम
मामल्लपुरम में सभ्यता के संबंधों का अधिकतम उपयोग किया गया।
इस प्रकार दोनों पक्ष एक-दूसरे की संवेदनाओं को स्वीकार करते हुए अनौपचारिक शिखर का उपयोग लाभदायक परिणाम की प्राप्ति के लिए कर रहे हैं।