दिल्ली स्थित पर्यावरण संगठन पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच (Pandit Deendayal Upadhyay Smriti Manch-PDUSM) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्लास्टिक अपशिष्ट के आयात पर प्रतिबंध के बावजूद, पीईटी (Polyethylene Terephthalate-PET) बोतलों का अंतर्वाह 2017 से 2018 तक चौगुना हो गया है।
विशेषताएं
प्लास्टिक अपशिष्ट के आयात पर चीन के प्रतिबंध ने अन्य देशों को पुनर्चक्रण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए मजबूर किया है, भारत उन देशों में से एक है, जिनके प्लास्टिक अपशिष्ट के आयात में काफी वृद्धि हुई है।
प्लास्टिक अपशिष्ट आयात वृद्धि के कारण
सरकार और प्लास्टिक इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत लगभग 13 मिलियन टन प्लास्टिक की खपत करता है और लगभग 4 मिलियन टन का ही पुनर्चक्रण करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्लास्टिक को पुनर्चक्रण केंद्रों तक पहुंचाने के लिए एक कुशल अपशिष्ट पृथक्करण प्रणाली और अपर्याप्त संग्रह की कमी इसका मूल कारण है।