अक्टूबर, 2019 को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2019 जारी किया, जिसे GCI 4.0 भी कहा जाता है। रिपोर्ट उन कारकों के 12 सेट पर आधारित है, जो उत्पादकता को निर्धारित करते हैं; अर्थात् संस्थान, आधारिक संरचना, आईसीटी अपनाने, व्यापक आर्थिक स्थिरता, स्वास्थ्य, कौशल, उत्पाद मार्केट, श्रम बाजार, वित्तीय प्रणाली, बाजार का आकार, व्यवसाय की गतिशीलता और नवाचार क्षमता।
प्रमुख निष्कर्ष
सिंगापुर 2019 में दुनिया की सबसे अधिक प्रतिस्पर्द्धी अर्थव्यवस्था है और इस वजह से अमेरिका को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
भारत का प्रदर्शन इस वर्ष भारत का स्थान 68वां है, जो पिछले वर्ष की रैंकिंग से 10 स्थान कम है और यह ब्राजील (71वें स्थान) के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले ब्रिक्स देशों में भी शामिल है। भारत ने शेयरहोल्डर गवर्नेंस, कॉरपोरेट गवर्नेंस, मैक्रोइकॉनॉमिक स्टेबिलिटी और मार्केट साइज पर बेहतर प्रदर्शन किया; जबकि इसने आईसीटी अभिग्रहण (adoption), स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, व्यापार खुलापन और श्रम बाजार कानून क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन किया है। |