जून, 2019 में बोर्ड को स्थापित किया गया। बोर्ड का गठन विमुक्त, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीडीएनटी) की सिफारिशों के आधार पर किया गया।
निष्कर्ष
इन समुदायों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियां (वृद्ध आबादी, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, अक्षमता आदि) को आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है। इसलिए यदि संभव हो तो इन वर्गों के व्यक्तियों को नीति बनाने की प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए। नीतिगत उपायों के अंतर्गत मानसिकता बदलना, बुनियादी ढाँचे को अनुकूल बनाना, सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना आदि उपाय किये जाने चाहिए। इन नीतियों का मात्रात्मक लक्ष्य होना चाहिए और इनकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर प्रदर्शन ऑडिट करना होगा।