पृथ्वी पर सबसे आर्द्र स्थल, उत्तर-पूर्व भारत (NEI) में पिछले 36 वर्षों (1979-2014) में गर्मियों की मानसून वर्षा में काफी तेज गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर-पूर्व भारत में वर्षा की इस कमी के कारण पारिस्थितिकी तंत्र एवं इस क्षेत्र के लोगों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
प्रमुख तथ्य
अध्ययन के अनुसार घटते मानसून की वर्षा की यह प्रवृत्ति ‘उपोष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर’ में प्राकृतिक परिवर्तनों से जुड़ी है।