दिसंबर 2019 में 126वां संविधान संशोधन विधेयक (126th Constitutional Amendment Bill) संसद द्वारा पारित किया गया, जिसे 10 दिसंबर, 2019 को लोकसभा द्वारा तथा 12 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था।
SC/ST सीटों के आरक्षण के लिए संवैधानिक प्रावधान
अनुच्छेद 334 के अंतर्गत मूल प्रावधान यह था कि सीटों का आरक्षण संविधान के आरंभ होने के 10 वर्ष पश्चात् समाप्त हो जाएगा; लेकिन प्रत्येक 10 वर्षों में इसका विस्तार किया जाता रहा है।
अनुच्छेद 330 और 332 क्रमशः लोकसभा एवं राज्यों की विधान सभाओं में SC/ST के लिए उनकी जनसंख्या अनुपात के आधार पर सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है। साथ ही, SC/ST समुदाय के सदस्यों को सामान्य निर्वाचन क्षेत्र से भी चुनाव लड़ने का अधिकार है।
अनुच्छेद 330(1) के अनुसार लोकसभा में निम्नलिखित के लिए आरक्षण का प्रावधान है-
(क) अनुसूचित जातियों के लिए,
(ख) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर अन्य जनजातियों के लिए, और
(ग) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए-
आंग्ल-भारतीय सीटों के आरक्षण के लिए संवैधानिक प्रावधान
अनुच्छेद 331 के अनुसार अनुच्छेद 81 में किसी बात के होते हुए भी, फ्यदि राष्ट्रपति की यह राय है कि लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है तो वह दो से अधिक सदस्य नाम निर्देशित कर सकेगा।
आंग्ल-भारतीय अनुच्छेद 366(2) के अनुसार, फ्आंग्ल-भारतीयय् से आशय एक ऐसे व्यक्ति से है, जिसका पिता या पितृ-परंपरा में से कोई अन्य पुरुष जनक यूरोपीय वंश का है या था, किंतु जो भारत के राज्यक्षेत्र के अधिवासी हैं, जो ऐसे राज्यक्षेत्र में ऐसे माता-पिता से जन्मा है या जन्मा था, जो वहां साधारणतः निवासी रहे हैं और केवल अस्थायी प्रयोजनों के लिए वास नहीं कर रहे हैं।
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