6 फरवरी, 2019 को केंद्र सरकार ने राज्य सभा में 125वां संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया है; जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर भाग के छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों में कार्यरत 10 स्वायत्त परिषदों की वित्तीय और कार्यकारी शक्तियों में वृद्धि करना है।
इस संशोधन का प्रभाव असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में रहने वाले एक करोड़ जनजातीय लोगों पर पड़ेगा। संविधान की छठी अनुसूची चार पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है।
स्वशासी जिला प्रत्येक स्वशासी जिले में एक जिला परिषद होता है, जिसमें 30 सदस्य होते हैं। इनमें से चार राज्यपाल द्वारा नामित होते हैं और शेष 26 वयस्क मताधिकार के आधार पर चुने जाते हैं। निर्वाचित सदस्य पांच साल के कार्यकाल के लिए पद धारण करते हैं (जब तक कि परिषद को भंग नहीं किया जाता है) और नामित सदस्य राज्यपाल के प्रसाद पर्यंत पर धारण करते हैं। प्रत्येक स्वशासी क्षेत्र में एक अलग क्षेत्रीय परिषद भी होते हैं।
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