1. इंदिरा आवास योजनाः यह योजना केंद्र प्रायोजित है। योजना का वित्तपोषण केंद्र और राज्यों के बीच 75:25 के अनुपात में किया जाता है। इसका उद्देश्य गांवों में गरीबों के लिए मुफ्त में मकानों का निर्माण करना है। वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण परिवारों को मकान निर्माण के लिए 1,20,000 रुपये की धनराशि दी जाती है। यह योजना केवल गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले (BPL) परिवारों के लिए है।
2. प्रधानमंत्री रोजगार योजनाः शिक्षित बेरोजगारों को स्वनियोजन उपलब्ध कराने के लिए इस योजना को भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 1993 से प्रारंभ किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार युवक-युवतियों को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराकर स्वनियोजन का अवसर उपलब्ध कराकर गरीबी दूर करने में मदद करना है।
3. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY): स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना को वर्तमान में ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका’ नाम से पुनर्गठित किया गया है। इसका उद्देश्य सहायता प्राप्त प्रत्येक परिवार को एक निश्चित अवधि में गरीबी रेखा से ऊपर उठाना था। योजना के अन्तर्गत कम से कम 50% अनुसूचित जाति/जनजाति, 40% महिलाओं तथा 3% विकलांगों को योजना का लक्ष्य बनाया गया।
4. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रमः इस कार्यक्रम की शुरूआत भारत सरकार ने वर्ष 1995 में शुरू की थी। गरीबी उन्मूलन की दिशा में इसके तहत निम्नलिखित योजनाओं को शामिल किया गया है-
5. प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजनाः इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक सुधारों का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे। समग्र ग्रामीण विकास को सुनिश्चित करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, आवास, सड़कें तथा ग्रामीण विद्युतीकरण के क्षेत्र में विकास योजनाएं चलाई जा रही हैं।
6. अंत्योदय अन्न योजनाः अंत्योदय अन्न योजना 25 दिसंबर, 2000 में प्रारंभ की गई थी। इसके अंतर्गत देश के एक करोड़ निर्धनतम परिवारों को प्रतिमाह 35 किग्रा. अनाज विशेष रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाता है।
7. संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजनाः केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अतिरिक्त एवं सुनिश्चित अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ खाद्यान्न उपलब्धता भी था। योजना के लिए प्रतिवर्ष 30 लाख टन अनाज केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को उपलब्ध कराया जाता है, जिसकी कीमत का भुगतान आर्थिक लागत के आधार पर ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है। इस योजना में 100 करोड़ मानव दिवस रोजगार के सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
8. प्रधानमंत्री जन-धन योजनाः 28 अगस्त, 2014 को आरंभ हुई इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब लोगों को बैंक एकाउंट की सुविधा से जोड़ना है।
9. सार्वजनिक वितरण प्रणालीः भारत सरकार ने सार्वजनिक विरतण प्रणाली (राशन की उचित मूल्य की दुकानों की व्यवस्था) के जरिए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि लोगों को उनकी स्थिति और आय के अनुरूप न्यूनतम मूल्य पर खाद्यान्न की जरूरी मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इसे गरीबी उन्मूलन की एक रणनीति के रूप में भी पहचाना गया। जून 1997 में भारत सरकार ने इस खुली हुई व्यवस्था को लक्षित जन वितरण प्रणाली में बदल दिया। इसके अंतर्गत यह तय किया गया कि सरकारी रियायत (कम मूल्य का अनाज) का लाभ गरीबों में अति गरीब परिवारों को ही मिल सकेगा।
10. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा): ग्रामीण बेरोजगारी, भूख तथा गरीबी से निजात दिलाने के लिए इस योजना का शुभारंभ 2 फरवरी 2006 को किया गया। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को वर्ष में कम-से-कम 100 दिन का अकुशल श्रम वाले रोजगार की गारंटी दी गई है। योजना में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। जून, 2015 में केन्द्र सरकार ने सूखा से प्रभावित क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम के 100 दिनों के बजाय 150 दिन करने का।
11. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनाः प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का उद्देश्य सभी बेघर परिवारों और कच्चे तथा टूटे-फूटे मकानों में रहने वाले परिवारों को 2022 तक बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का मकान उपलब्ध कराना है। ‘सभी के लिए घर’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए 2022 तक 3 करोड़ आवासों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है।
12. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनाः केंद्र सरकार ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की महिलाओं को निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने वाली ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ आरंभ की है। इससे खाना बनने में लगने वाले समय और कठिन परिश्रम को कम करने में सहायता मिलेगी और गैस के वितरण में कार्यरत ग्रामीण युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।
13. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब तक 39.4 लाख मकानों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। योजना के तहत अब तक 17 लाख से अधिक मकानों का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है तथा 5 लाख मकान बनकर तैयार हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत ‘ऋण आधारित सब्सिडी योजना’ (Credit Linked Subsidy Scheme-CLSS) में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्य आय वर्ग (MIG) के लाभार्थियों के लिए बैंकों और एचएफसी (Housing Finance Corporations) की ओर से कर्ज की व्यवस्था की गई है। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर वर्ष 2022 तक 1.2 करोड़ मकानों की कमी को पूरा करते हुए देश में सबके लिए आवास सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।