भारतीय कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (India Ports Global Limited-IPGL) ने दिसंबर, 2018 में ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर चाबहार शहर स्थित शाहिद बेहेश्ति बंदरगाह (Shahid Beheshti Port) के कार्यालय संचालन की कमान संभाल ली। भारतीय कंपनी द्वारा इस बंदरगाह के फेज-1 का संचालन व प्रबंधन 1-5 वर्ष (18 माह) तक किया जायेगा। अगर दोनों पक्षों की सहमति बनी रही तो पट्टे पर दी गयी अवधि 10 वर्ष के लिए बढ़ा दी जाएगी।
उद्देश्यः भारत-अफगानिस्तान-ईरान का उद्देश्य इस बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय माल परिवहन के लिये लोकप्रिय बनाना है। यह बंदरगाह रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। चाबहार बंदरगाह का निर्माण भारत और ईरान द्वारा किया गया है, जबकि इसका उपयोग भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा किया जायेगा। यह बंदरगाह अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया के लिए स्थाई एवं वैकल्पिक मालवहन मार्ग मुहैया कराने के आलावा क्षेत्रीय जुड़ाव की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
लाभ भारत ईरान के सबसे बड़े तेल आयातकों में से एक है। कच्चे तेल के आयात के मामले में भारत के लिए ईरान पांचवां सबसे बड़ा आयातक देश है। चाबहार बंदरगाह तक भारत की सीधी पहुंच से तेल आयात की लागत में कमी आएगी। भारत अफगानिस्तान की आधारभूत परियोजनाओं में विशेषकर निवेश कर रहा है। इस बंदरगाह के बनने के बाद भारत पश्चिमी अफगानिस्तान के डेलराम से लेकर ईरान-अफगानिस्तान की सीमा के जरांज तक 218 किमी. लम्बी सड़क का निर्माण करेगा और इससे सीधे चाबहार पोर्ट से लेकर अफगानिस्तान तक पहुंच बन जाएगी। |