भारत, नेपाल और भूटान की सरकार ने सक्रिय रूप से नेपाल, भारत और भूटान में फैले एक अंतर-सीमा क्षेत्र, कंचनजंघा में वन्यजीवों की सीमापार गतिविधियों की अनुमति और वन्यजीवों की तस्करी जांच के लिए एक संयुक्त कार्य बल (Joint Task Force) योजना बनाने का निर्णय लिया है।
संयुक्त कार्यबल की आवश्यकताः ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट’ (International Centre for Integrated Mountain Development - ICIMOD) के अनुसार वर्ष 2000 से 2010 के बीच इस क्षेत्र में 1,118 वर्ग किलोमीटर घास का मैदान और वन आवरण खत्म हो गया था, जिसमें 74% क्षेत्र को चरागाह भूमि और 26% को कृषि भूमि में परिवर्तित कर दिया गया था।
सत्तर लाख से अधिक लोगों के अलावा, कंचनजंघा क्षेत्र स्तनधारियों की 169 प्रजातियों और वन्यजीव प्रजातियों जैसे हिम तेंदुआ, लाल पांडा, पेंगोलिन, ताकिन, हिमालयी काले भालू और कस्तूरी हिरण का घर है, जिनमें से सभी वैश्विक स्तर पर संकटग्रस्त हैं। ICIMOD के अध्ययन अनुसार 1986 से 2015 के बीच हाथियों द्वारा 425 लोग मारे गए तथा 1958 से 2013 के बीच 144 हाथी मारे गए थे।