ई-कॉमर्स उद्योग से उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक और गैर-प्लास्टिक अपशिष्ट पर बहुत कम अध्ययन हुआ है। एक अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेन्सी के अनुसार अमेरिका में कुल ठोस अपशिष्ट में 30 फीसदी अकेले ई-कॉमर्स पैकेजिंग की हिस्सेदारी है।
2015 में भारत का ई-कॉमर्स पैकेजिंग उद्योग 32 अरब का था जिसके 2020 तक तेजी से बढ़कर 73 अरब तक पहुंचने की संभावना है। ई-कॉमर्स पैकेजिंग और इसके अपशिष्ट से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। ई-कॉमर्स पैकेजिंग विभिन्न परतों (layers) में होती है जो प्लास्टिक, कागज, बबल रैप (बुलबुला युक्त प्लास्टिक जो पैकिंग में प्रयुक्त होता है), एयरपैकेट, टेप और कार्ड बोर्ड डिब्बे से बना होता है।
पैकेजिंग में प्रयुक्त ज्यादातर पदार्थ पुनर्नवीकरणीय है फिर भी ग्राहकों की सुविधा के लिये त्वरित वितरण (Fast delivery) के कारण सामानों की एक साथ पैकेजिंग नहीं हो पाती। सामानों की अलग-अलग पैकेजिंग से अधिक मात्रा में अपशिष्ट सृजित होता है।