2016 के लिए विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची
रैंक |
शहर |
PM 2.5 का स्तर |
1. |
कानपुर |
173 |
2. |
फरीदाबाद |
172 |
3. |
वाराणसी |
151 |
4. |
गया |
149 |
5. |
पटना |
144 |
6. |
दिल्ली |
143 |
7. |
लखनऊ |
138 |
8. |
आगरा |
131 |
9. |
मुजफ्फरपुर |
120 |
10. |
श्रीनगर |
113 |
11. |
गुरुग्राम |
113 |
12. |
जयपुर |
105 |
13. |
पटियाला |
101 |
14. |
जोधपुर |
98 |
15. |
अली सुबह अल-सलेम (कुवैत) |
94 |
पार्टिकुलेट मैटर (कणिका तत्व): पार्टिकुलेट मैटर या वायुमंडलीय वातकण पृथ्वी के वायुमंडल में फैला सूक्ष्म ठोस या तरल वात है। इसका स्रोत प्राकृतिक ज्वालामुखी, धूल, तूफान, जंगल की आग आदि हो सकता है। साथ ही वाहन, बिजली संयंत्रों और अन्य उद्योगों में जीवाश्म ईंधन के जलने से वात बनता है। इसे आकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है और धूल कणों के व्यास को माइक्रोन (एक मीटर के दस लाखवें अंश) में मापा जाता है। मोटे धूल कण (पीएम स्तर 10): मोटे धूल कणों का व्यास 2.5 से 10 माइक्रोमीटर तक होता है। यह ठोस पदार्थ को पीसने से उत्पन्न होता है और सड़क पर गाडि़यों से निकले धूल से फैलता है। इसके छोटे टुकड़े नाक द्वारा फेफड़ों में जाकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। छोटे धूल कण (पीएम स्तर 2.5): इसका व्यास 2.5 पीएम स्तर होता है जो सभी प्रकार के दहन, मोटर वाहन, बिजली संयंत्रों, आवासीय लकड़ी के जलने, जंगल की आग और कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं से उत्पादित होते हैं। यह फेफड़ों से होकर हमारे रक्त प्रवाह प्रणाली में जा सकते हैं, जिससे शरीर की प्रतिशोधन क्षमता खत्म होने का डर बना रहता है। |