90% से अधिक बांग्लादेश के शस्त्रगार चीनी मूल के हैं। हालांकि, बांग्लादेश म्यांमार के साथ रोहिंग्या मामले के पूर्ण संघर्ष में फंसने के डर से अपने शस्त्रगार को विविधता देने की तलाश में है, क्योंकि म्यांमार, रोहिंग्या मुद्दे पर चीन का ठोस समर्थन प्राप्त कर सकता है। बांग्लादेश में चीन के समुद्री प्रभाव से सावधान, भारत ने युद्धपोतों के निर्माण के लिए बांग्लादेश को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की पेशकश की है।
हाल के एक समझौते के मुताबिक, भारत के सरकारी स्वामित्व वाला गार्डन रीच शिप बिल्डर्स युद्धपोत के निर्माण में सहायता के लिए बांग्लादेश के खुलना शिपयार्ड लिमिटेड को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। गौरतलब है कि चीन, बांग्लादेश का रणनीतिक साझेदार और हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले आठ वर्षों में, बांग्लादेश ने चीन से 1.8 बिलियन डॉलर के रक्षा उपकरण आयात किए हैं।