भारत और बांग्लादेश ने व्यापार और जहाजों के आवागमन के लिए दोनों देशों के बीच अंतर्देशीय तथा तटीय जलमार्ग संपर्क बढ़ाने के संबंध में कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। समझौते के तहत बांग्लादेश में चट्टोग्राम और मोन्गला बन्दरगाह को भारत से आने वाले और भारत को भेजे जाने वाले सामान के आवागमन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा यात्रियों के आने-जाने और नौवहन सेवाओं के लिए भी एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस प्रक्रिया के लिए तटीय नौवहन मार्गों और अंतर्देशीय मार्गों को अंतिम रूप दे दिया गया है। संभावना है कि नदी के रास्ते नौवहन सेवाएं कोलकाता-ढाका-गुवाहाटी-जोरहाट के बीच शुरू की जाएगी।
भारत-बांग्लादेश नौसेना का पहला और संयुक्त समन्वय पेट्रोलिंग अभियान- भारत-बांग्लादेश नौसेना का पहला और संयुक्त समन्वय पेट्रोलिंग (Coordinated Petrol-CORPAT) अभियान 27 जून से 29 जून 2018 के मध्य आयोजित किया गया। यह संयुक्त पेट्रोलिंग समुद्री सीमाओं पर होने वाली आतंकवादी गतिविधियों, तस्करी, समुद्री डकैती और अवैध मछली पकड़ने वालों के खिलाफ है। नौसेना नियमित रूप से इंडोनेशिया, म्यांमार और थाईलैंड के साथ CORPAT का संचालन करती है। यह भारत अनुरोध पर मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone-EEZ) की निगरानी भी करता है। |
इस बात पर भी सहमति हुई कि एक संयुक्त तकनीकी समिति अरिचा तक ढुलियान-राजशाही प्रोटोकॉल मार्ग के संचालन की तकनीकी व्यवहारिकता का अध्ययन करेगी। इसके अलावा भगीरथी नदी पर जांगीपुर नौवहन क्षेत्र को दोबारा खोलने पर भी विचार किया जाएगा, जो भारत और बांग्लादेश के बीच फरक्का में गंगा का पानी साझा करने संबंधी संधि के प्रावधानों के अनुरूप होगा। दोनों पक्षों ने जोगीघोपा के विकास के प्रति भी सहमति व्यक्त की। इसके तहत जोगीघोपा को असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और भूटान के लिए सामान के आवागमन के संबंध में टर्मिनल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।