विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) उस विशेष रूप से परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं, जहां से व्यापार, आर्थिक क्रियाकलाप, उत्पादन तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को किया जाता है। यह क्षेत्र देश की सीमा के भीतर विशेष आर्थिक नियम.कानूनों को ध्यान में रखकर व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विकसित किए जाते हैं। भारत उन शीर्ष देशों में से एक है, जिसने उद्योग तथा व्यापार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से ऐसी भौगोलिक इकाइयों को स्थापित किया। इतना ही नहीं, भारत पहला एशियाई देश है, जिसने निर्यात को बढ़ाने के लिए वर्ष 1965 में कांडला में एक विशेष क्षेत्र की स्थापना की थी। इसे निर्यात प्रक्रिया क्षेत्र (एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन.ईपीजेड) नाम दिया गया था।
भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्रें की स्थापना का उद्देश्य बड़े स्तर पर विदेशी निवेश को आकर्षित करना रहा है। भारत सरकार ने इसके लिए अप्रैल 2000 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) नीति की घोषणा की। सेज नीति 2000 का उद्देश्य विशेष आर्थिक क्षेत्रें को विकास का इंजन बनाना था जिसमें विश्वस्तरीय उत्तम आधारिक संरचना हो, कम से कम नियम व प्रतिबंध हों तथा केंद्र व राज्य दोनों स्तरों पर बेहतर राजकोषीय सुविधाएं प्राप्त हों। सेज नीति को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से भारत ने वर्ष 2005 में विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम पारित किया। यह अधिनियम फरवरी 2006 में लागू हुआ। इस अधिनियम द्वारा निर्णय जल्दी लिए जा सकें, केन्द्र व राज्य सरकार के विभागों से अनुमति लेने में अनावश्यक देरी न हो, इसके लिए एक ही जगह से सभी अनुमति प्रदान (सिंगल विंडो क्लीयरेंस) की जाने की व्यवस्था की गई है। सेज ऐक्ट के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित रूप में हैं.
स्थापना
वर्तमान में एसईजेड को निजी या सार्वजनिक क्षेत्र स्थापित कर सकता है या फिर इसे किसी के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम के तहत भी स्थापित किया जा सकता है। एसईजेड में वस्तुओं के निर्माण, सेवाओं की उपलब्धता, निर्माण से संबंधित प्रक्रिया, व्यापार, मरम्मत एवं पुनर्निर्माण इत्यादि का कार्य किया जा रहा है।
प्रशासन
एसईजेड को तीन स्तरीय प्रशासनिक व्यवस्था से नियंत्रित किया जाता है। एक शीर्ष निकाय अनुमोदन बोर्ड की तरह कार्य करता है और यह अनुमोदन समिति के साथ क्षेत्रीय स्तर पर एसईजेड से संबंधित मामलों से सरोकार रखता है क्षेत्रीय स्तर पर एसईजेड की स्थापना के लिए जोन स्तर की अनुमोदन समिति से अनुमोदन लेना आवश्यक है।
लाभ
निवेश आकर्षित करने के लिए सेज के तहत काम करने वाली इकाइयों को दी गई सुविधाएं एवं लाभ इस प्रकार हैं.
हानियां