राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 के प्रचालन हेतु सरकार द्वारा यह प्रावधान किया गया था कि गैर-सरकारी संस्थानों व एनजीओ को अपेक्षित सहायता प्रदान करके शिक्षा में उनकी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
35-65 आयु समूह में वंचित समूहों के प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु स्वैच्छिक एजेंसियों को सहायता प्रदान की जाती है_ जिसके तहत सरकार ने 2015 से प्रौढ़ शिक्षा और कौशल विकास के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों को सहायता के प्रावधान को परियोजना आधार पर जारी रखने का निर्णय लिया है।
2008-09 में गैर-सरकारी संगठनों को केंद्र प्रायोजित योजना, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में छात्रओं के लिए बालिका छात्रवास का निर्माण और उनका संचालन की जिम्मेदारी दी गयी थी।
इसके तहत 2015 तक देश में 3479 शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों (ईबीबी) में से प्रत्येक ब्लॉक में 100 बिस्तर वाले बालिका छात्रवास की स्थापना की गयी है।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सभी गैर-सरकारी संस्थानों में 25 प्रतिशत सीटें गरीब वर्गों के लिए आरक्षित रखी गयी है।
कुछ राज्यों जैसे दिल्ली, तमिलनाडु में जिन स्कूलों को सरकार द्वारा जमीन या अन्य सुविधाएं मिलती हैं, उन्हें अपनी 10 प्रतिशत सीटें गरीब वर्ग के लिए आरक्षित रखनी होती हैं।