राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जिसकी शुरुआत 2015 में की गई है। जिसका उद्देश्य मौजूदा कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) मंडियों का एक नेटवर्क बनाकर कृषि उत्पादों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार तैयार करना है। कृषि उत्पादों के एक बाजार से दूसरे बाजार तक मुक्त प्रवाह, मंडी के अनेकों शुल्कों से उत्पादकों को बचाने और उचित मूल्य पर उपभोक्ता के लिए कृषि वस्तुओं को मुहैया कराने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार को विकसित करने का फैसला लिया है।
सितंबर 2016 तक ई-नाम 200 से ज्यादा कृषि मंडियों को कवर करेगा और मार्च 2018 तक कुल 585 मंडियों में ऐसी प्रणाली विकसित की जाएगी जो किसानों के लिए अपनी पैदावार को बाजार तक पहुंचाने को आसान बनाएगी। फिलहाल किसान अपनी उपज मंडियों या बाजार समितियों के जरिये बेचते हैं जो कि उनकी उपज पर कई तरह के शुल्क लगाते हैं। अब पूरे राज्य के लिए एक लाइसेंस होगा और एक बिंदु पर लगने वाला शुल्क होगा। मूल्य का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक नीलामी होगी। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और अधिक विकल्प मिलेंगे। ऑनलाइन प्लेटफार्म होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानो को बेहतर कीमत मिलेगी।