ऊफा वार्ता
10 जुलाई, 2015में रूस के ऊफा शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत-पाक प्रधानमंत्री के मध्य एक द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। इस बैठक में दोनों पक्षों के मध्य आतंकवाद से लड़ने हेतु राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय बैठक करवाने का निर्णय लिया गया था। एक-दूसरे की हिरासत में मौजूद मछुआरों की अपनी नौकाओं सहित रिहाई के बारे में जल्द-से-जल्द निर्णय लेने का निश्चय किया गया।
PoK में मानवाधिकार मामला
पाक अधिकृत कश्मीर, कश्मीर का वह भाग है, जिस पर पाकिस्तान अपना अधिकार जताता है। साथ ही इस क्षेत्र में पाकिस्तान का प्रशासन है। स्वतंत्रता उपरांत पाक घुसपैठ के कारण भारत से हुए युद्ध के पश्चात् युद्ध विराम के फलस्वरूप कश्मीर का यह हिस्सा पाक कब्जे में रह गया था। भारत इसे अपना अभिन्न अंग मानता है, इसी कारण जम्मू-कश्मीर विधानसभा में PoK के लिए सीटें रिक्त करके रखी गयी है। भारत इस मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ भी जा चुका है।
हाल ही में भारतीय विदेशी नीति में आए परिवर्तन के परिणामस्वरूप भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा बलूस्तिान एवं च्वज्ञ में पाक सेना द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के मामले को उठाया गया तथा भारतीय प्रतिनिधि द्वारा इसे संयुक्त राष्ट्र संघ में भी उठाया गया।
बलूचिस्तान एवं भारत
बलूचिस्तान पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। यह 11 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ, किंतु पाकिस्तान ने 27 मार्च, 1948 को इस पर जबरन कब्जा कर लिया। इसकी सीमाएं ईरान, अफगानिस्तान से मिलने के कारण यह क्षेत्र सामरिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां के लोगों का पाकिस्तानी सेना शोषण कर रही है तथा पाकिस्तान के अन्य प्रांतों की जनता को यहां बाहर से लाकर बसा रही है, जिससे बलूच यहां अल्पसंख्यक हो जाएं। इन्हीं कारणों से यहां काफी समय से स्वतंत्रता की मांग की जा रही है।
पाकिस्तान काफी समय से यह आरोप लगा रहा है कि भारत, बलूचिस्तान में अलगाववादी ताकतों को समर्थन देता रहा है। भारत-ईरान संबंधों के लिए तथा अफगानिस्तान में भारत के शांतिपूर्ण सहयोग के लिए बलूचिस्तान एक सीमांत क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण है।
पठानकोट हमला
भारतीय वायुसेना के पठानकोट स्थित एक प्रमुख एयरबेस एवं सामरिक रूप से संवेदनशील एयरफोर्स स्टेशन पर 2 जनवरी, 2016 को आतंकी हमला हुआ।
इस हमले से भारतीय सुरक्षा एवं विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय को लेकर प्रश्न चिन्ह लग गया। इस हमले के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से ही जुड़ी थी। हालांकि भारत ने एक अविश्वसनीय निर्णय लेते हुए पाकिस्तान के ISI के उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में आई एक जांच एजेंसी को पठानकोट बेस का निरीक्षण करने दिया। इस हमले को लेकर संसदीय समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में एस-पी- सलविंदर सिंह की भूमिका तथा सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए गए।
उरी आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित आर्मी हेडक्वार्टर पर 18 सितंबर, 2016 को प्रातः साढ़े चार-पांच बजे हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए तथा 30 जवान घायल हो गए।
सैन्य बलों ने जवाबी कार्यवाही में सभी चार आतंकियों को मार गिराया। हाल के वर्षो में यह सैन्य बलों पर सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। शुरूआती जांच में इस हमले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। उरी आतंकी हमले की घटना के 10 दिन बाद भारत ने पीओके में आतंकी कैंपो पर सर्जिकल स्ट्राइक की। 29 सितंबर, 2016 को एक प्रेस कांफ्रेस में सेना ने तसदीक की कि उसने सीमा के साथ सटे कई आतंकी लांचपैड या घुसपैठ के अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की तथा उन्हे नष्ट कर दिया।
सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक एक सरप्राइज हमला है। इसमें दुश्मन को भनक नहीं लगती है और सेना बिजली की गति से दुश्मन का खात्मा कर देती है। आत्मरक्षा के लिए उठाया गये इस कदम का मकसद दुश्मन की अधिकतम तबाही करना था। ऑपरेशन के दौरान खास बातों का ध्यान रखा जाता है कि आस-पास के इलाकों और नागरिकों को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचे। इसके लिए अचूक हथियार का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे निगरानी ड्रोन, एम-4 कार्बाइन, आईडब्ल्यू आई तेवर (इजराइल में बनी अत्याधुनिक मशीनगन) आदि।
किसी अन्य देश की जमीन पर किए जाने वाले इस प्रकार के सर्जिकल स्ट्राइक के लिए कोई अंतर्राष्ट्रीय कानून नही है, किंतु प्रचलित अंतर्राष्ट्रीय कानून तथा यू एन चार्टर के अंतर्गत आत्म-रक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए सेना द्वारा इस तरह की कार्यवाही वैध है। देश अपनी आत्मरक्षा और राष्ट्रहित के लिए पड़ोसी देशों में दुश्मन को खत्म करने के लिए ऐसा ऑपरेशन चला सकता है। 1999 में कोसोवो युद्ध के दौरान नाटो का एयर स्ट्राइक इसका बेहतर उदाहरण है।