अक्टूबर 2014 को राष्ट्रीय महिला आयोग ने देह व्यापार (वेश्यावृत्ति) को कानूनी मान्यता देने की सिफारिश की थी।
पक्ष में महिला आयोग का तर्क
महिलाओं की तस्करी रूकेगी, बलात्कार तथा अन्य यौन हमले रूकेंगे, सुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाना आसान होगा, बलपूर्वक देह व्यापार पर रोक लगेगा, यौन कर्मी महिलाओं का एचआईवी सहित अन्य यौन रोगों से बचाव होगा, यौन कर्म में लगी महिलाओं के कामकाज के घंटे और उनके पारिश्रमिक तय होने के साथ उनके स्वास्थ्य की उचित देखभाल हो सकेगी। वर्ष 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने भी देह व्यापार को कानूनी मान्यता देने को कहा था।
विरोध में तर्क