अप्रत्यक्ष कर वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगाया जाता है। अप्रत्यक्ष कर में कर भार तीसरी पार्टी पर परिवर्तित कर दिया जाता है और अंततः उपभोक्ता ही इस कर का भुगतान करता है। सेवा कर, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, वैट आदि अप्रत्यक्ष कर के उदाहरण हैं। सकल कर राजस्व में अप्रत्यक्ष कर का हिस्सा 42.6% है जबकि कर राजस्व में अप्रत्यक्ष कर का हिस्सा जीडीपी के अनुपात में 4.4% है।
सेवा करः किसी व्यक्ति द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर लगाया जाता है और इस कर का भुगतान करने की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता की होती है। भारत में यह कर 1994.95 के बजट में शुरू किया गया था। सेवा कर की उगाही जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर पूरे देश में की जा रही है। वर्तमान में सेवाकर की दर 14% है। अधिक राजस्व जुटाने हेतु केलकर पैनल रिपोर्ट ने सेवा कर के दायरे को 12 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। वर्ष 2012.13 के संघीय बजट में सेवा कर संरचना में परिवर्तन किया गया। सेवाकर की नकारात्मक सूची आरंभ की गई। अर्थात जिन सेवाओं को नकारात्मक सूची में डाला जाएगा, उन सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं कर के दायरे में आएंगी।
वस्तु एवं सेवा करः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), एक अप्रत्यक्ष कर है। वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए जाने वाले अधिकांश करों को जीएसटी के अंतर्गत लाए जाने का प्रस्ताव है। जीएसटी में किसी वस्तु पर वहन होने वाले सभी तरह के कर शामिल होंगे। इनमें केन्द्र और राज्यों के कर भी शामिल हैं। जीएसटी के तहत वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक समान दर से कर लगाया जाएगा। संसद और राज्य विधानमंडलों को वस्तु एवं सेवा कर के लिए कानून बना सकने का अधिकार प्रदान करने के लिए 19 दिसंबर, 2014 को लोक सभा में प्रस्तुत संविधान (122वां संशोधन) विधेयक को जांच के लिए वित्त पर स्थायी समिति के पास भेजा गया है। इससे संसद और राज्य विधायिकाएं वस्तुओं अथवा सेवाओं अथवा दोनों की आपूर्ति संबंधी प्रत्येक लेन.देन पर वस्तु एवं सेवा कर लगाने के लिए कानून बना सकेंगे। कुछ वस्तुएं, नामतः कच्चा पेट्रोलियम, डीजल, पेट्रोल, वायुयान टरबाइन ईंधन, प्राकृतिक गैस और मादक पदार्थ, जीएसटी के सीमा क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आएंगी।
वस्तुओं की तरह सेवाओं को भी चार श्रेणियों में बांटने पर बनी सहमति
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी बैठक में वस्तुओं की ही तरह सेवाओं की दरों को चार श्रेणियों में बांटने पर सहमति जताई। स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है।