मनी लॉण्डरिंग निरोधक अधिनियम, 2002
गैर कानूनी रूप से अर्जित धन को देश में लाने एवं संपत्ति बनाने में निवेश की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए मनी लॉण्डरिंग निरोधक अधिनियम, 2002 पारित होकर 2005 में लागू हुआ। इसका कार्यान्वयन वित्तीय आसूचना इकाई करेगी। जो संबंधित आवश्यक आंकड़े जुटाने के बाद पुलिस व आयकर विभाग को मामला सौंपेगी। यह एक्ट सभी वित्तीय संस्थाओं पर लागू होता है। इस अधिनियम में 10 अध्याय, 75 धाराएं एवं अनुसूची हैं। यह जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश में प्रभावी है। इस कानून को आगे संशोधित भी किया गया।
इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:
हवाला कारोबार
हवाला एक वैकल्पिक अथवा समानान्तर प्रेषण (धन-प्रेषण) की व्यवस्था है। यह परम्परागत बैंक व्यवस्था अथवा वित्तीय संस्थाओं के बाहर अथवा उसके समानान्तर संचालित होता है। पाश्चात्य बैकिंग व्यवस्था में शुरू करने से पूर्व यह भारत में चालू हुआ था तथा वर्तमान में यह वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण एवं व्यापक धन-प्रेषण प्रणाली के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है।
हवाला नेटवर्क में धन-राशि भौतिक रूप में प्रेषित नहीं की जाती है। इसके लिए, उदाहरण के तौर पर, यह कहा जा सकता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के एक व्यक्ति द्वारा, जो वहां कोई व्यापार कर रहा है, भारत में रह रहे अपने रिश्तेदारों को पैसा भेजना चाहता है। उसके पास दो विकल्प होते हैं या तो वो बैंकिंग व्यवस्था के औपचरिक माध्यम से पैसा भेजे अथवा हवाला व्यवस्था के माध्यम से। हवाला व्यवस्था में कमीशन की मात्र अथवा प्रतिशत बैंकों के तुलना से कम होता है तथा उसमें बैंक खाता खोलने जैसी औपचारिकता के सम्बन्धित जटिलता भी नहीं होती है। इसके माध्यम से उसके रिश्तेदार के पास अपेक्षाकृत सस्ता तथा जल्दी ही घर बैठे पैसा पहुंच जाता है।
रिर्जव बैंक की भूमिका
रिर्जव बैंक द्वारा वित्तीय कार्यबल की सिफारिशों के पालन के क्रम में अवैध धन के हस्तांतरण को रोंकने की दिशा में ‘अपने ग्राहक को जानो’ (Know Your Customer) नामक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
सरकार की कार्यनीति
प्रर्वतन निदेशालय (ED)
मनी लाण्डरिंग के दुष्प्रभाव
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मनी लाण्डरिंग का संदेह होने पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां खाता खोलने के पूर्व जांच पड़ताल वित्ती कार्यबल के ‘कस्टमर ड्यू डिलिजेंस मानक’ (The Customer Due Diligence Standard) के तहत करेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को ग्राहकों के लेन-देन की देख रेख करने के संदर्भ में ‘मास्टर सर्कुलर’ की एकशृंखला जारी की है। इनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्राहकों को जानने समझने की पूंजी तथा ग्राहकों के किए जाने वाले वर्ताव से संबधित नोट है।