भारत के राष्ट्रपति निम्नांकित दशाओं में आयोग के अध्यक्ष अथवा उसके सदस्यों को पद से विमुक्त कर सकते हैं-
यदि वह दिवालिया घोषित हो गया हो।
यदि वह नैतिक चरित्रहीनता के आधार पर किसी अपराध में केन्द्र सरकार की दृष्टि में दोषी पाया गया हो।
अपने कार्यक्षेत्र से बाहर कोई लाभ का पद धारण करता हो।
मानसिक अथवा शारीरिक कारणों से कार्य करने में राष्ट्रपति की दृष्टि में असमर्थ हो।
कोई अन्य आर्थिक व लाभ का पद ग्रहण करता हो जो आयोग के अनुसार अनुचित है।
राष्ट्रपति द्वारा आयोग के मुख्य आयुक्त व अन्य आयुत्तफ़ों को उनके दुराचरण व अक्षमता के आधार पर पद से हटाया जा सकता है।
यदि वह केन्द्रीय सरकार के किसी अनुबंध अथवा कार्य में सहभाग करता हो।
ऐसे किसी भी अनुबंध अथवा कार्य से प्राप्त लाभ में भाग लेता हो अथवा जिसके उपरांत प्रकट होने वाले लाभ व सुविधाएँ किसी निजी कंपनियों के सदस्यों के समान ही प्राप्त करता हो।