राजनीतिक दलों को चंदा देने की प्रक्रिया को साफ सुथरा बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सर्वसम्मति न बनने पर भी चुनावी बॉन्ड (इलेक्टोरल बॉन्ड) पर आगे कार्य करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया।
राजनीतिक दलों के वित्त पोषण एवं चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्रीय बजट में प्रस्ताव किया गया था कि राजनीतिक पार्टियाँ एक व्यक्ति से 2000 रुपए से अधिक नगद चंदा नहीं ले सकतीं लेकिन वे दानदाताओं से चेक या डिजिटल माध्यम से चंदा प्राप्त कर सकती हैं और इसके लिये चुनावी बॉन्ड भी जारी किये जाएंगे। साथ ही यह भी कहा गया कि राजनीतिक दलों को निर्धारित समय सीमा के भीतर अनिवार्यतः आय कर रिटर्न भरना होगा। राजनीतिक पार्टियों की वित्त पोषण प्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिये जल्द ही अधिकृत बैंकों से चुनावी बॉन्ड जारी किये जाएंगे। सरकार इस संबंध में एक योजना का ढाँचा तैयार करेगी। उल्लेखनीय है कि चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
वर्तमान प्रावधान
देश के पंजीकृत राजनीतिक दलों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 13 ए के तहत आयकर से छूट मिलती है। उनके लिये दान या चंदा लेने की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं है। उनको सिर्फ उस लेन-देन का ब्योरा चुनाव आयोग के समक्ष पेश करना होता है जो 20 हजार या उससे ज्यादा हो, इससे कम की रकम का कोई हिसाब उसे नहीं देना होता। इसी का लाभ उठाकर तमाम राजनीतिक दलों पर कालेधन को सफेद करने और चुनावों में बेहिसाब कालाधन खर्च करने के आरोप लगते रहे हैं। यहीं कारण है कि सैकड़ों समूह चुनाव नहीं लड़ते लेकिन राजनैतिक दल के तौर पर पंजीकृत हैं।
चुनाव बॉन्ड से संबंधित चिंताएं
राजनीतिक दलों के चंदे में नकदी की सीमा 20 हजार से घटाकर दो हजार करना व चुनाव बॉन्ड जारी करना निश्चित रूप से एक महत्त्वपूर्ण सुधार है, लेकिन इससे कुछ चिंताएं भी जुड़ी हुई हैं। चुनावी बॉन्ड योजना के अनुसार जो भी व्यक्ति किसी पार्टी को वैध तरीके से अर्जित पैसा देना चाहे वो बैंक जाकर उतनी रकम का चुनावी बॉन्ड खरीद लेगा। इससे यह लाभ होगा कि-
क्या है चुनावी बॉन्ड? चुनावी बॉन्ड का उल्लेख सर्वप्रथम वर्ष 2017 के आम बजट में किया गया। सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक एक प्रकार का बॉन्ड जारी करेगा और जो भी व्यक्ति राजनीतिक पार्टियों को दान देना चाहता है, वह पहले बैंक से बॉन्ड खरीदेगा फिर वह जिस भी राजनैतिक दल को दान देना चाहता है दान के रूप में बॉन्ड दे सकता है। राजनैतिक दल इन चुनावी बॉन्ड की बिक्री अधिकृत बैंक को करेंगे और वैधता अवधि के दौरान राजनैतिक दलों के बैंक खातों में बॉन्ड के खरीद के अनुपात में राशि जमा करा दी जाएगी। चुनावी बॉन्ड पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं दिया जाएगा। चुनावी बॉन्ड को चेक या ई-भुगतान के जरिये ही खरीदा जा सकता है। |
चुनाव सुधार हेतु चुनाव आयोग ने निम्न कदम उठाए हैं-