भारतीय अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है। यह कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रकों पर आधारित है। कई वर्षों से सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र के हिस्से में लगातार गिरावट देखी जा रही है जबकि इसके उलट सेवा क्षेत्र में निरंतर वृद्धि की स्थिति है और यह जीडीपी में सर्वाधिक हिस्सेदारी रखने वाला क्षेत्र है। इसके बावजूद कृषि क्षेत्र कार्यबल के लगभग 52 प्रतिशत को रोजगार प्रदान करता है।
क्रय शक्ति समता (पीपीपी) की दृष्टि से विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था का तीसरा स्थान है। दूसरी ओर निरपेक्ष जीडीपी के मामले में यह विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धिः 4-6 प्रतिशत (2013-14)
सकल राजकोषीय घाटाः 4.6% (वर्ष 2014-15 के लिए 4.1% लक्षित)
राजस्व घाटाः 3.3% Ø प्राथमिक घाटा-1.3%
सकल घरेलू उत्पाद (2013-14) में विभिन्न क्षेत्रों का योगदान
कृषि – 13.9%
उद्योग – 29.1%
सेवा क्षेत्र – 57.0%
चालू कीमतों परः भारत की प्रतिव्यक्ति आय -74,920 रु./वार्षिक (2013-14) चालू मूल्य पर
विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी-1.7 प्रतिशत, निर्यात में हिस्सेदारी-1.7 प्रतिशत व आयात में हिस्सेदारी 2.5 प्रतिशत
विदेशी मुद्रा आरक्षित निधिः 314-18 अरब डॉलर(अक्टूबर, 2014 तक)
विदेशी ट्टण (मार्च 2014) – 440.6 अरब डॉलर
भारत की औसत वार्षिक वर्षा 1100 मिलीमीटर है।
भारत के प्रमुख खनिज संसाधन हैं- कोयला, लौह अयस्क, मैंगनीज, अभ्रक, बॉक्साइट, टाइटेनियम, क्रोमाइट, चूना पत्थर और थोरियम।
भारत में कच्चे तेल का भण्डार मुख्यतः महाराष्ट्र तट पर बाम्बे हाई, राजस्थान, गुजरात तटीय क्षेत्र, पूर्वी असम में पाये जाते हैं। इन क्षेत्रों में भारत की सकल घरेलू खपत की 25% भाग की पूर्ति की जाती है। शेष 75% भाग का आयात करना पड़ता है।
भारत वर्ष 1947 से ही गैट का संस्थापक सदस्य रहा है, जिसे वर्ष 1995 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) में तब्दील कर दिया गया था।
अंकटाड की विश्व निवेश रिपोर्ट 2014 के अनुसार भारत में वर्ष 2013 में 28 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत, विश्व का चौथा सर्वाधिक निवेश आकर्षित करने वाला देश है। प्रथम तीन स्थानों पर क्रमशः संयुक्त राज्य अमेरिका,चीन व इंडोनेशिया हैं।
विश्व में दूसरी सबसे तेज गति से जीडीपी वृद्धि दर करने वाली अर्थव्यवस्था भारत (प्रथम-चीन) की है।