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शेल तेल और गैस
प्रश्नः क्या भारत में किसी स्थान पर शेल तेल या गैस का पता लगा है? क्या सरकार ने तेल और गैस के आयात पर निर्भरता समाप्त करने की कोई योजना बनाई है?
(मनीष तिवारी द्वारा 8 मार्च 2021 को लोकसभा में पूछा गया तारांकित प्रश्न)
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा दिया गया उत्तरः भारत सरकार ने राष्ट्रीय तेल कंपनियों (National Oil Companies - NOCs) अर्थात ओएनजीसी और ओआईएल के लिए शेल गैस तथा तेल के अन्वेषण और दोहन हेतु 14 अक्टूबर, 2013 को नीतिगत दिशा-निर्देशों की घोषणा की है। ओएनजीसी द्वारा खंभात, कावेरी, कृष्णा-गोदावरी तथा असम और अराकान बेसिनों एवं ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा असम और राजस्थान बेसिनों में शेल गैस और तेल के अन्वेषण संबंधी कार्यकलाप किए हैं।
- इसके अलावा अगस्त 2018 में भारत सरकार ने मौजूदा रकबों में शेल तेल और गैस सहित गैर पारंपरिक हाइड्रोकार्बनों की संभाव्यता का पता लगाने के उद्देश्य से मौजूदा संविदाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए मौजूदा उत्पादन हिस्सेदारी संविदाओं, कोल बेड मिथेन संविदाओं और नामांकन क्षेत्रों के तहत गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बनों के अन्वेषण और दोहन के लिए नीतिगत ढांचे को अधिसूचित किया है। राष्ट्रीय तेल कंपनियों ने अपने पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस/पेट्रोलियम खनन पट्टा क्षेत्रों में शेल तेल और गैस के अन्वेषण का कार्य किया है। तथापि, अभी तक देश में कोई शेल तेल और शेल गैस भंडार सिद्ध नहीं हुए हैं।
- सरकार द्वारा आयात पर निर्भरता में कमी करने तथा तेल और गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए की गई नीतिगत पहलें निम्नानुसार हैं-
- हाइड्रोकार्बन खोजों से शीघ्र मुद्रा अर्जित करने के लिए उत्पादन हिस्सेदारी संविदा (Product Sharing Contract - PSC) व्यवस्था के तहत रियायतों, अवधि बढ़ाए जाने और स्पष्टीकरण के लिए नीति
- खोजे गए लघु क्षेत्र संबंधी नीति
- हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति
- उत्पादन हिस्सेदारी संविदाओं की अवधि बढ़ाने के लिए नीति
- कोल बेड मिथेन से शीघ्र मुद्रा अर्जित करने के लिए नीति
- नेशनल डाटा रिपोजिटरी की स्थापना
- तलछटीय बेसिनों में गैर मूल्यांकित क्षेत्रों का मूल्यांकन
- हाइड्रोकार्बन संसाधनों का पुनः आकलन
- एनईएलपी पूर्व और एनईएलपी ब्लॉकों में उत्पादन हिस्सेदारी संविदाओं की कार्य प्रणाली को व्यवस्थित बनाने के लिए नीतिगत ढांचा
- तेल और गैस के लिए वर्धित निकासी पद्धतियों को बढ़ावा देने तथा प्रोत्साहित करने के लिए नीति
- मौजूदा उत्पादन हिस्सेदारी संविदाओं, कोल बेड मिथेन संविदाओं और नामांकन क्षेत्रों के तहत गैर-पारंपरिक हाइड्रोकार्बनों के अन्वेषण और दोहन हेतु नीतिगत ढांचा
इसके अलावा सरकार ने अन्वेषण कार्यकलाप बढ़ाने, तलछटीय बेसिनों के गैर-अन्वेषित/गैर-आवंटित क्षेत्रों में घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित करने और मौजूदा क्षेत्रों से तेल और गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से फरवरी 2019 में अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति में प्रमुख सुधारों को अनुमोदित कर दिया है।
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