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लुप्तप्राय भारतीय भाषाओं का संरक्षण
भारत सरकार ने ‘भारत की लुप्तप्राय भाषाओं की सुरक्षा और संरक्षण योजना' (Scheme for नामक एक योजना शुरू की है।
- योजना के तहत, केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर 10,000 से कम लोगों द्वारा बोली जाने वाली भारत की सभी मातृभाषाओं / भाषाओं, जिन्हें लुप्तप्राय भाषाएँ कहा जाता है, की सुरक्षा, संरक्षण और प्रलेखन पर काम करती है।
- योजना के पहले चरण में, 117 लुप्तप्राय भाषाओं / मातृभाषाओं को अध्ययन और प्रलेखन के लिए पूरे भारत से चुना गया है।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी लुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण के लिए 'भारत में स्थानीय और लुप्तप्राय भाषाओं में अध्ययन और अनुसंधान के लिए राज्य विश्वविद्यालयों को अनुदान सहायता'और 'केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लुप्तप्राय भाषाओं के केंद्रों की स्थापना’ नामक दो योजनाओं की शुरुआत की है।
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