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न्यूट्रिनो वेधशाला
प्रश्नः क्या सरकार का देश में न्यूट्रिनो वेधशाला स्थापित करने का कोई प्रस्ताव है_ यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और देश में स्थापित की गई भू-वेधशालाओं की राज्य-वार संख्या कितनी है?
(दिलीप शइकीया, रमेश चन्द्र कौशिक एवं वाई- देवेन्द्रप्पा द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)
राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय डॉ- जितेन्द्र सिंह द्वारा दिया गया उत्तरः भारत में स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (आईएनओ) पृथ्वी के वायुमंडल में उत्पन्न न्यूट्रिनो का अवलोकन करेगी। इस अवलोकन से न्यूट्रिनो कणों के गुणधर्मों के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी जिसका मुख्य स्रोत सूर्य और पृथ्वी का वायुमंडल है। न्यूट्रिनो संसूचक मेग्नेटाइज्ड आयरन केलोरीमीटर होगा जो किसी देश द्वारा बनाया सबसे भारी संसूचक होगा। वेधशाला के लिए चिन्हित स्थान थेनी जिला, तमिलनाडु में स्थित बोदी पश्चिमी पहाडि़यां (Bodi West Hills) हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Indian Institute of Geomagnetism - IIG) द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार वेधशालााओं की संख्या राज्य-वार निम्नलिखित हैं:
- कर्नाटक - 6 खगोलीय वेधशालाएं
- उत्तराखंड - खगोल एवं खगोल भौतिकी अध्ययन एवं वायुमंडलीय अध्ययनों के लिए 4 वेधशालाएं।
- भारतीय भूचुम्बकत्व संस्थान (आईआईजी) जो पूरे देश में विशेष उद्देश्य के लिए स्थित 12 चुंबकीय वेधशालाओं का प्रचालन करता है, वे निम्नलिखित हैं:
- आंध्र प्रदेश - 1
- तमिलनाडु - 1
- असम - 1
- मेघालय - 1
- गुजरात - 1
- महाराष्ट्र - 1
- राजस्थान - 1
- जम्मू एवं कश्मीर - 1
- उत्तर प्रदेश - 1
- अंडमान और निकोबार द्वीप (संघ राज्य-क्षेत्र) - 1
- पुडुचेरी (संघ राज्य-क्षेत्र) - 1
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