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राष्ट्रीय शिशु-गृह योजना
प्रश्नः क्या पिछले तीन वर्षों के दौरान मुख्यतः घरेलू कार्य करने वाली महिलाओं का अनुपात बढ़ा है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है_ क्या सरकार ने राष्ट्रीय शिशु-गृह योजना का क्रियान्वयन किया है?
(कुमारी राम्या हरिदास एवं श्रीमती पूनम महाजन द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी द्वारा दिया गया उत्तरः राष्ट्रीय शिशु-गृह स्कीम (National Crech Scheme) का कार्यान्वयन 1 जनवरी, 2017 से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रें के माध्यम से कामकाजी माताओं के बच्चों (6 महीने से 6 वर्ष के आयु वर्ग के) को दिवस देखभाल सुविधाएं प्रदान करने की एक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में किया जाता है। स्कीम में संपूरक पोषण, टीकाकरण, पोलियो ड्रॉप्स, बेसिक स्वास्थ्य निगरानी, सोने की सुविधाएं आरंभिक उत्प्रेरक (3 वर्ष से कम आयु), 3-6 वर्ष के लिए स्कूलपूर्व शिक्षा प्रदान की जाती है। 21 सितंबर, 2020 तक देशभर में 6004 शिशु-गृह कार्यशील हैं।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रलय (MoSPI) की आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey - PLFS) रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रें में घरेलू ड्यूटी करने वाली महिलाएं 2017-18 में 45.1% से घटकर 2018-19 में 44.1% रह गई हैं और शहरी क्षेत्रें में घरेलू ड्यूटी करने वाली महिलाएं 2017-18 में 47.3% से बढ़कर 2018-19 में 47.4% हो गई हैं।
- भारत सरकार विभिन्न स्कीमों जैसे आंगनवाड़ी सेवाएं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आदि के माध्यम से पोषण सहयोग और शिशु देखभाल के लिए माताओं को नकद या वस्तु के रूप में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष सहयोग प्रदान करती है।
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