Question : महाद्वीपों को हम जिस रूप में आज जानते हैं उसकी व्याख्या हेतु प्लेट टेक्टॉनिक्स सर्वप्रमुख अवधारणा है। चर्चा करें।
Answer : उत्तरः महाद्वीपों के निर्माण के संदर्भ में आज तक जितनी भी अवधारणाएं एवं सिद्धांत दिए गए हैं उनमें सर्वप्रमुख रूप से महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत एवं प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत को माना जाता है।
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत
छः बड़ी प्लेटें निम्न हैं-
Question : महासागरीय धाराएं तटीय क्षेत्रों की जलवायुविक प्रणाली के निर्धारण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं तथा इस प्रकार अपेक्षित अक्षांशीय जलवायु प्रणाली के प्रभाव को निरस्त कर देती है। व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः जब सागर का जल एक निश्चित सीमा के अंतर्गत निश्चित दिशा की और प्रवाहित होता है तो उसे धारा कहा जाता है।
Question : विषुवतीय क्षोभमंडल ध्रुवीय क्षोभमंडल से अधिक ठंडा है। विश्लेषण करें।
Answer : उत्तरः यद्यपि वायुमण्डल का विस्तार लगभग 10,000 किमी की ऊंचाई तक मिलता है, परंतु वायुमण्डल का 99 प्रतिशत भार सिर्फ 32 किमी तक सीमित हैं। वायुमण्डल को 5 विभिन्न स्तरों में बांटकर देखा जा सकता है, जैसे- क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, आयनमंडल तथा बाह्यमंडल।
Question : मौसम विज्ञानी पूर्वानुमानों में बादल अधिक उपयोगी हो सकते हैं। चर्चा करें।
Answer : उत्तरः वायुमंडल में मौजूद जलवाष्प के संघनन से बने जलकणों या हिमकणों की दृश्यमान राशि को बादल कहा जाता है तथा ये वायु के रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा ठण्डे होने पर उसके तापमान के ओसांक से नीचे गिरने से बनते हैं।
Question : उत्तर-पूर्वी मानसून वर्षा के बदलते पैटर्न की परीक्षा करें। क्या आपको लगता है कि इसका वैश्विक तापन की घटना से कोई संबंध है?
Answer : उत्तरः भारत में दिसंबर से फरवरी के मध्य पूर्वी तटीय भाग में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनों के प्रभाव से वर्षा होती हैं। इस समय मुख्य रूप से भूमध्यसागरीय पश्चिमी विक्षोभों से वर्षा होती हैं।
Question : महाद्वीपीय विस्थापन के सिद्धान्त की सीमाओं की चर्चा कीजिए। प्लेट टेक्टोनिक के सिद्धांत ने किस तरह वेगनर (Wegner) के सिद्धान्त में मौजूद विसंगतियों में सुधार किया? व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः महाद्वीपीय विस्थापन के सिद्धांत की सीमाएं-
प्लेट टेक्टॉनिक्स
प्लेटों का संचलन
Question : वाताग्र (front) के विभिन्न चरणों की व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः जब दो विपरीत स्वभाव वाली वायु राशियां (तापमान, आर्द्रता, घनत्व, दाब आदि की भिन्नता) वाली दो राशियां मिलती हैं तो वाताग्र का निर्माण होता है। वाताग्र वह ढलुआ सीमा है जिसके सहारे दो विपरीत स्वभाव की वायु राशियां मिलती हैं।
वाताग्र को निम्न लक्षणों से पहचनाना जा सकता है:
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वर्गीकरण
Question : खनिज संसाधन तथा प्लेट विवर्तनिकी के बीच संबंध की संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः प्लेट विवर्तनिकी से हमें धातु तथा ऊर्जा निक्षेपों के वितरण व जमाव के साथ-साथ उनके उद्भव का भी आधार पता चलता है। प्लेट विर्वतनिकी तथा धातुओं के जमाव में तीन प्रकार का संबंध होते हैं।
डाइवर्जिंग सीमाएं
सबडक्शन जोन
टकराव (संघर्ष)
Question : किसी क्षेत्र की सभ्यता वहां के जलवायु से निर्धारित होती है। विस्तार से चर्चा करें।
Answer : उत्तरः किसी क्षेत्र की जलवायु उस क्षेत्र के निवासियों के जीवन को कई प्रकार से प्रभावित करता है, जैसे-
Question : पृथ्वी पर दबाव क्षेत्र (Pressure Belt) के बनने एवं भूमंडलीय वायु पट्टी में इसकी भूमिका का परीक्षण करें। क्या आप ऐसा सोचते हैं कि वैश्विक उष्मण (Global Warming) के कारण ऊष्ण कटिबंधीय (Tropic) अक्षांश सीमा एवं इससे जुड़े वायु पट्टियों में शीतोष्ण क्षेत्र प्रविष्ठ हो जा रही हैं? व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः वायु दाब का क्षैतिज वितरण अक्षांशों के अनुसार उच्च अथवा निम्न दाब पेटियों के रूप में है।
वैश्विक तापन का प्रभाव
Question : ज्वार-भाटा क्या है? ज्वार भाटा के उद्भव एवं इसके प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
Answer : उत्तरः सूर्य तथा चंद्रमा के आकर्षण के कारण प्रतिदिन एक अथवा दो बार निश्चित अवधि पर सागर सतह के चढ़ाव तथा उतार को ज्वार भाटा कहा जाता है।
ज्वार भाटा के प्रकार
एब्ब
ज्वार भाटा का प्रभाव
Question : उष्ण कटिबंधीय एवं शीतोष्ण चक्रवातों से जुड़े मौसमी स्थितियों की तुलना करें
Answer : उत्तरः चक्रवात निम्न दाब के केंद्र होते हैं जो समदाब क्षेत्रों से घिरे होते हैं तथा इनमें भीतर से बाहर की ओर वायुदाब में वृद्धि होती है। ये दो प्रकार के होते हैं-
चक्रवातों का यह वर्गीकरण उनकी अवस्थिति पर आधारित है। अवस्थिति के अतिरिक्त इन चक्रवातों द्वारा उत्पन्न मौसम संबंधी प्रभाव भी अलग-अलग होते हैं।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवात में मौसम
शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात तथा मौसम
Question : भूमध्यरेखीय क्षेत्र मौसम का अनुभव करते हैं, जबकि शीतोष्ण क्षेत्र जलवायु का। स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः जलवायु पर अक्षांशीय स्थिति का व्यापक प्रभाव पड़ता है- ध्रुवीय क्षेत्र को सूर्य का प्रकाश कम मात्रा में प्राप्त होता है जबकि उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र को सर्वाधिक मात्रा में सूर्य का प्रकाश प्राप्त होता है। पृथ्वी के अपने घूर्णन अक्ष पर झुके होने के कारण मौसम में परिवर्तन होता है तथा उच्च अक्षांशों पर यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। क्षेत्रीय स्थलाकृतियों जल क्षेत्र, नगरों द्वारा उत्पन्न ऊष्मा आदि भी तापमान को प्रभावित करते हैं।
अक्षांशों का प्रभाव
अन्य प्रभाव
Question : “भारत का सतह अपवाह कई बड़ी और छोटी नदियों के माध्यम से होता है।” प्रायद्विपीय नदियों के विशेष लक्षण बताएं तथा उत्तर भारतीय नदियों से उनकी भिन्नता प्रकट करें।
Answer : उत्तरः प्रायद्वीपीय जल निकासी व्यवस्था हिमालय से पुरानी है। यह व्यापक, मोटे तौर पर वर्गीकृत उथली घाटियों और नदियों की परिपक्वता से स्पष्ट है। नर्मदा और तापी के अलावा अधिकांश प्रमुख प्रायद्वीपीय नदियाँ पश्चिम से पूर्व की और बहती हैं। चंबल, सिंध, बेतवा, केन, सोन का उद्भव प्रायद्वीप के उत्तरी भाग में होता है और ये गंगा नदी प्रणाली की सहायक नदियां हैं।
Question : क्या भारत को एक से अधिक मानक समय की आवश्यकता है? यदि हां तो आप क्या सोचते हैं? इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर भी चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा देश है जो केवल ‘एक मानक समय’ (Time Zone) को आधार मानकर अपने क्रियाकलापों को करता है। भारत और चीन को छोड़ सभी सात बड़े देश तीन या अधिक मानक समय के अनुसार चलते हैं। भारत में भी कई बार अलग-अलग मानक समय के विषय पर विचार किया गया है। इस संबंध में असम के पास एक अलग मानक समय बनाने की बात भी चली, कारण -
इस व्यवस्था को अभी इतना व्यावहारिक नहीं माना गया। क्योंकि व्यवहार्यतः यह अनेक समस्याएं भी उत्पन्न करेगी जैसे-
Question : जलवायु में एक प्रकार का ऐक्य होते हुए भी भारत की जलवायु में क्षेत्रीय भिन्नताएं पायी जाती हैं। उपयुक्त उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः मानसून पवनों की व्यवस्था भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एकता को बल प्रदान करता है। परंतु जलवायु की यह एकता अनेक प्रादेशिक भिन्नताओं को भी उजागर करती है।
Question : महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत व प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत में मूल अंतर बताएं।
Answer : उत्तरः
महाद्वीपीय विस्थापन
प्लेट विवर्तनिक
Question : ज्वार-भाटा क्या है? यह कैसे उत्पन्न होता है? उपयोगिता बताएं।
Answer : उत्तरः दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना ‘ज्वार-भाटा’ कहलाता है। जब जल सर्वाधिक ऊंचाई तक उठकर तट के बड़े हिस्से को डुबो देता है तब उसे ‘ज्वार’ कहते हैं। जब जल अपने निम्नतम स्तर तक आ जाता है एवं तट से पीछे चला जाता है, तो उसे ‘भाटा’ कहते हैं।
Question : उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति केवल समुद्रों पर ही क्यों होती है? उष्णकटिबंधीय चक्रवात के किस भाग में मूसलाधार वर्षा होती है और उच्च वेग की पवनें चलती हैं और क्यों?
Answer : उत्तरः उष्णकटिबंधीय चक्रवात आक्रामक तूफान हैं। इसकी उत्पत्ति उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के महासागरों पर होती है क्योंकि इस चक्रवात को अपनी शक्ति ऊर्जा संघनन प्रक्रिया द्वारा ऊंचे कपासी स्तरी मेघों से प्राप्त होती है। इन मेघों की उपस्थिति अधिकांशतः उष्ण कटिबंधीय समुद्रों में ही होता है।
Question : पश्चिमी विक्षोभ क्या है? इसकी क्रियाविधि और भारत के लिए महत्व की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः पश्चिमी विक्षोभ एक मौसमी घटना जो पछुआ वायु के ऊपरी वायु परिसंचरण के क्षेत्र में विकसित निम्न दाब क्षेत्र गर्त से संबंधित है, जो हवा के T, P व संचरण में परिवर्तन लाकर वर्षण की दशा उत्पन्न करता है।
क्रियाविधि
महत्व
Question : पश्चिमी हिमालय और पूर्वी हिमालय के बीच अंतर के बिंदुओं को निरूपित कीजिए।
Answer : उत्तरः
पश्चिमी हिमालय
पूर्वी हिमालय
Question : हीट वेब क्या है? इसके कारणों को बताते हुए बचने के उपयुक्त उपाय सुझाएं।
Answer : उत्तरः हीट वेब वातावरणीय गर्मी की उस अवस्था को कहते हैं जब गर्मी अत्यधिक बढ़ जाती है और वातावरण का तापमान औसत गर्मी के तापमान से 5 या 6 सेल्सियस बढ़ जाता है। सामान्यतः हीट वेब की परिघटना तब घटित होती है जब ऊपरी वातावरण से वायु तेजी से नीचे की ओर आती है। परिणामस्वरूप वायु दाब बढ़ने एवं उष्मा के तेजी से मुक्त होने से तापमान में तीव्र बढोत्तरी होती है। भारत में हीट वेब की परिघटना मुख्यतः गर्मी के समय घटित होती है, जब तापमान तेजी से बढ़ता है।
हीट वेब से बचाव के निम्न उपाय हैं-
Question : हिमांक-मण्डल (क्रायोस्फेयर) वैश्विक जलवायु को किस प्रकार प्रभावित करता है?
Answer : उत्तरः हिममण्डल पृथ्वी का वह भाग है जिस पर ठोस रूप में जल की उपलब्धता होती है। यह मुख्यतः बर्फ या हिम के रूप में है जिसका मुख्य स्रोत हिमपात है। पृथ्वी पर हिममण्डल अन्टार्कटिका, ग्रीनलैण्ड, आइसबर्ग, समुद्री बर्फ तथा पर्वतों के उच्च शिखरों पर पाया जाता है। ये हिमांक-मंडल जलवायु को अनेक प्रकारों से प्रभावित करते हैं:
Question : महासागरीय लवणता में विभिन्नताओं के कारण बताइये तथा इसके बहुआयामी प्रभावों की विवेचन कीजिए।
Answer : उत्तरः जल के भारत और उसमें मिश्रित लवणीय पदार्थों के अनुपात को लवणता या खारापन कहा जाता है। महासागरीय जल में लवणता का औसत 35% है यानी एक हजार ग्राम महासागरीय जल में 35 ग्राम लवण होता है। महासागरीय जल में पाये जाने वाले लवणों में सर्वाधिक मात्रा सोडियम क्लोराइड और उसके बाद क्रमशः मैग्नीशियम क्लोराइड, मैग्नीशियम सल्फेट एवं कैल्सियम सल्फेट की होती है। विभिन्न स्थानों पर महासागरीय लवणता में विभिन्नतायें पायी जाती है जिसके निम्नलिखित कारण हैं:
महासागरीय लवणता के प्रमुख प्रभाव
Question : भारत में बाढ़ों को सिंचाई के और सभी मौसम में अंतर्देशीय नौसंचालन के एक धारणीय स्रोत में किस प्रकार परिवर्तित किया जा सकता है?
Answer : उत्तरः बाढ़ भारत में बराबर होने वाली घटनाओं में से एक है। बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते शहरीकरण, कम होते बाढ़ के मैदानों तथा बदलती जलवायविक परिघटनाओं के कारण बाढ़ की घटनाएं भारत में और तेज हो गई है। 1980 के राष्ट्रीय बाढ़ आयोग के अनुसार भारत में 40 मिलियन हेक्टेयर भूमि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में आती है जो कि सम्पूर्ण क्षेत्रफल का 18वां भाग है। योजना आयोग ने अपने दसवीं पंचवर्षीय योजना में इस आंकडे़ को 45.64 मिलियन हेक्टेयर बताया।
Question : मानसून एशिया में रहने वाली संसार की 50% जनसंख्या के भरण-पोषण में सफल मानसून जलवायु को क्या अभिलक्षण समानुदेषित किये जा सकते हैं?
Answer : उत्तरः मानसूनी जलवायु एक विशिष्ट प्रकार की जलवायु जिसमें स्पष्ट ग्रीष्म एवं शीत ऋतुएं पायी जाती है एवं वृहतित्व परिवर्तन के अनुसार जलवायु दशाओं- तापमान, वायुदाब, हवाओं की दिशा, वर्षा आदि में महत्वपूर्ण परितर्वन होता है। मानसूनी जलवायु का विस्तार उत्तरी एवं दक्षिणी दोनों गोलार्द्धों में 5o से 30o अक्षांशों के मध्य पाया जाता है।
Question : स्मार्ट सिटी के आइडिया का उद्भव भ्रष्टाचार को रोकने के आवश्यकता की पृष्ठभूमि तथा शहरी क्षेत्रों में सूचना तथा डिजिटल तकनीक के उपयोग द्वारा पर्याप्त एवं सक्षमतापूर्ण सेवा प्रदान की आवश्यकता का सामना करने के रूप में देखा जाना चाहिए। आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।
Answer : उत्तरः 15 अगस्त, 2014 के प्रधानमंत्री के भाषण के उपरांत प्रधानमंत्री द्वारा स्मार्ट सिटी का विचार सामने रखा गया तथा कहा गया कि स्मार्ट सिटी से तात्पर्य होगा ऐसी सिटी अथवा शहर जो अवसंरचनात्मक सुविधाओं से पूर्ण, तकनीकी पर आधारित एवं सुशासन के केंद्र होंगे जहां पर प्रशासन में तकनीकी का ही प्रयोग होने से पारदर्शिता बनी रहेगी।
विशेषता
Question : महासागरीय धाराएं किस प्रकार विश्व के विभिन्न तटीय क्षेत्रों की मौसमी स्थितियों को प्रभावित करती हैं? व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः महासागरीय धाराएं एक निश्चित दिशा में जल का काफी लंबी दूरी तक बहाव है। वे एक नियमित पैटर्न में महासागर में बहने वाली धारा होते हैं। इनकी औसत गति 3.2 किमी से 10 किमी. प्रतिघंटा हो सकती है।
Question : 2014 में भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा में कमी के कारणों के साथ ही एल-नीनो की भारतीय मानसून में भूमिका की व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः दक्षिणी पश्चिमी मानसून इस साल बेहद कमजोर रहा है। इसके प्रमुख कारण हैं:
Question : डेल्टा के निर्माण हेतु अनुकूल स्थितियों की सूची बनाएं। डेल्टा के संरक्षण में स्थानीय समुदाय की हिस्सेदारी किस प्रकार अग्रणी भूमिका निभा सकती है?
Answer : उत्तरः डेल्टा एक भू-आकृति है जो नदी के ऐसे मुहाने पर बनता है जो महासागर, समुद्र, मुहाना, झील या जलाशय में बहती है। डेल्टा नदी द्वारा लाए गए तलछट के नदी के मुहाने पर जमाव से बनता है।
डेल्टा के गठन को प्रभावित करने वाले कारक
मानवीय गतिविधियां
Question : भारत की भू-आकृति देश के एक भाग से दूसरे भाग में अनन्य रूप से बदल जाती है। इस परिप्रेक्ष्य में भारत के पश्चिमी तटीय मैदान तथा पूर्वी तटीय मैदान की तुलना करें।
Answer : उत्तरः स्थानीय और सक्रिय भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के आधार पर यह मोटे तौर पर दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-
Question : बाढ़ और सूखा भारत के पूर्वी और पश्चिमी भाग की पहचान बनते जा रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में देश में नदियों के आपस में जोड़ने के विभिन्न प्रभावों का परीक्षण करें।
Answer : उत्तरः भारत का 60% कृषि क्षेत्र वर्षा के जल पर निर्भर है तथा असिंचित है। वर्षा का जल ही पीने, घरेलू उपयोग, भोजन, चारा, औद्योगिक आपूर्ति आदि संबंधी जल आपूर्ति के लिए जल के प्राथमिक स्रोत के रूप में है। 80% बागवानी आधारित कृषि तथा 100% वन आधारित उत्पादन वर्षा जल पर निर्भर है। 4.98 करोड़ हेक्टेयर भूमि जो भारत के क्षेत्रफल का 15.2% बाढ़ से प्रभावित है तथा 1-1.2 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में प्रति वर्ष बाढ़ आती है।
नदियों को जोड़ने की पहल
Question : भारत के विभिन्न क्षेत्रों के अल्प विकास के भौगोलिक-आर्थिक कारण क्या हैं?
Answer : उत्तरः भारत में क्षेत्रीय असमानता के पीछे भौगोलिक-आर्थिक कारण निहित हैं। भारत की भौगोलिक विविधता यहां की जलवायु, संसाधन, परिवहन, उद्योग व कृषि को प्रभावित करती है। भारत के कई हिस्से या तो रेगिस्तान हैं या पहाड़ी हैं। इन क्षेत्रों में जलवायु परिवहन, उद्योगों की स्थापना या कृषि के लिए प्रतिकूल अवस्थाओं को जन्म देती है।
Question : मृदा क्षरण की समस्या का समालोचनात्मक समीक्षा करें। मृदा संरक्षण के लिए आप क्या उपाय बतायेंगे? क्या आप ऐसा सोचते हैं कि सरकार के द्वारा चलाया जा रहा मृदा स्वास्थ्य कार्ड अभियान किसी रूप में मृदा संरक्षण में योगदान दे सकता है?
Answer : उत्तरः मृदा अपरदन का तात्पर्य है प्राकृतिक बलों द्वारा मृदा के पुनःस्थापन की तुलना में मृदा का विस्थापन अधिक तीव्र गति से होना। मृदा निर्माण तथा मृदा अपरदन साथ-साथ चलने वाली प्रक्रियाएं हैं। जब इन दोनों के बीच का संतुलन किसी मानवीय अथवा प्राकृतिक कारण से बिगड़ जाता है तो इसका परिणाम मृदा का विस्थापन होता है।
मृदा संरक्षण
मृदास्वास्थ्य कार्ड योजना
Question : मृदा अवकर्षण क्या है? यह जटिल समस्या क्या है? मृदा स्वास्थ्य कार्ड के संदर्भ में इस पर टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः मृदा की उर्वरता के ह्रास की एक प्रक्रिया जो मानवीय कारणों से अधिक होती है। इससे अपरदन एवं मृदा दुरुपयोग से मृदा की गहराई कम होती है।
जटिल समस्या क्यों?