Question : भारतीय समाज से ठोस उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नगरीकरण और नगरीयता (urbanism) के बीच विभेद करें। भारतीय समाज में नगरीकरण से उत्पन्न समस्याओं को रेखांकित करें।
Answer : उत्तरः नगरीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई ग्रामीण अथवा अर्धग्रामीण क्षेत्र नगरीय क्षेत्र में रूपांतरित होता है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की ओर होने वाले प्रवजन अथवा अन्य देशों से अप्रवासियों के आगमन द्वारा जनसंख्या वृद्धि होती है।
Question : अंतर्देशीय जल परिवहन भारत में अभी भी अपने आवश्यक क्षमता को प्राप्त नहीं कर पाया है। परीक्षण करें।
Answer : उत्तरः भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास रखरखाव तथा नियमन के लिए 1986 ई॰ में भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना की गई जिसे अगले ही वर्ष निगम का दर्जा दे दिया गया।
(i) बारहमासी नदियों का अभाव (ii) नदी-प्रदूषण
(iii) बाढ़ के कारण नदी का उथला होना (iv) भौगोलिक संरचना (पहाड़ पर्वत पठार आदि)
(v) अकाल व सूखे की बारम्बारता (vi) पश्चिमी थार का मरूस्थल
(vii) नदियों में उचित जल स्तर व बहाव का अभाव (viii) बांधों व जलाशयों की अधिकता
Question : राष्ट्रीय जलमार्ग हाईवे कार्यक्रम वह सर्वोत्तम उपाय है जो सरकार भारी कच्चे माल को सबसे सतत पर्यावरणीय तरीके से ढ़ोने हेतु कर सकती है। इस क्षेत्र में सरकार द्वारा हाल में किये पहलों को सम्मिलित करते हुए इसे स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः जलमार्गों का विकास सरकार की उच्च प्राथमिकता है। सरकार द्वारा देश में 101 ऐसी नदियों की पहचान की गई है जिनको लागत प्रभावी परिवहन माध्यम के रूप में विकसित किया जा सकता है। सरकार का उद्देश्य इस क्षेत्रक को परिवहन के मुख्य माध्यम के रूप में विकसित करना है।
Question : संसाधन किसे कहते हैं, इनके प्रकार तथा संसाधन संरक्षण का विवेचन करें?
Answer : उत्तरः कोई वस्तु उस समय संसाधन बनती है जब उसका कोई मूल्य होता है। यहां मूल्य का अर्थ ‘महत्व’ से है। कुछ संसाधनों का आर्थिक मूल्य होता है जबकि कुछ का नहीं, जैसे-धातुओं का आर्थिक मूल्य होता है लेकिन एक मनोरम दृश्य का आर्थिक मूल्य नहीं होता। परंतु दोनों संसाधन मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
(1) वास्तविक (जिनकी मात्रा ज्ञात होती है)
(2) संभाव्य (इनकी मात्रा का ज्ञान नहीं होता है)
(1) अजैव (निर्जीव संसाधन)
(2) जैव (सजीव संसाधन)