Question : भारत में उदारीकरण के 25 वर्ष बीत जाने के बाद हुई इसकी समीक्षा में नीति आयोग ने स्पष्ट कहा है कि ‘उदारीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जहां अनेक अवसर खोले हैं वहां कई चुनौतियां भी उत्पन्न की हैं। भारत अभी भी उदारीकरण का उपयुक्त लाभ नहीं उठा पाया है’ समालोचनात्मक मूल्यांकन करें।
Answer : उत्तरः भारत में उदारीकरण की नीति को 1991 में लागू किया गया, जिसके इस वर्ष 25 वर्ष पूरे हो गए। इसी उपलक्ष्य में विभिन्न संस्थाओं, आर्थिक विश्लेषकों द्वारा इसकी समीक्षा की गयी, जिसके क्रम में नीति अयोग के द्वारा भी एक लेख छापा गया जिसमें उसने उदारीकरण की नीति से उत्पन्न संभावनाएं चुनौतियां तथा वर्तमान काल तक इस नीति की व्यवहारिकता को मूलरूप से रेखांकित किया है।
सकारात्मक प्रभाव
चुनौतियां
व्यवहारिकता
Question : हाल ही में इस बहस ने जोर पकड़ा है कि केरल वर्तमान में भारत के सबसे विकसित राज्य के रूप में अपना स्थान खोता जा रहा है। इसके लिए उत्तरदायी कारण क्या हैं तथा केरल को अपना स्थान बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए?
Answer : उत्तरः हाल ही में एक राष्ट्रीय स्तर के वित्तीय संगठन ने अपनी प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट में यह बताया कि केरल की प्रतिव्यक्ति आय में कमी आयी है तथा साथ ही सामाजिक एवं वित्तीय असमानता की खांई बड़ी हुई है। जहां पहले केरल भारत का सबसे अधिक विकसित, शिक्षित एवं सामाजिक समावेशन युक्त राज्य था वहीं आज उसकी इस स्थिति में कमी आयी है।
इसके पीछे निम्न कारकों को उत्तरदायी माना जा रहा है-
जिससे केरल अपना विकसित राज्य का स्थान बनाए रखने में सफल रह सकता हैः
Question : किसी भी राष्ट्र के अर्थव्यवस्था के कुशल संचालन में केन्द्रीय बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारतीय संदर्भ में रिजर्व की आवश्यकता एवं इसके समक्ष उपस्थित चुनौतियों के समाधान पर प्रकाश डालें।
Answer : उत्तरः किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में मूल्य स्थिरता (मुद्रास्फीति), संवृद्धि, विकास से लेकर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के संदर्भ में केन्द्रीय बैंक की शीर्षस्थ एवं महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
रिजर्व बैंक की आवश्यकता क्यों?
विवाद के मुद्दे/चुनौतियां
समाधान
Question : भारत में ब्लॉक चेन तकनीक के सम्भावित आर्थिक लाभों को व्याख्यायित करें।
Answer : उत्तरः ब्लॉक चेन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से आभासी मुद्रा, मुद्रा तथा अन्य डिजिटल आंकड़ों का स्थानान्तरण किया जाता है। इस तकनीक के माध्यम से हुआ मुद्रा भुगतान या स्थानान्तरण काफी सुरक्षित एवं कूटबद्ध होता है। यह डिजिटल जानकारी को वितरित करने की क्षमता रखता है।
Question : ‘चतुष्कोणीय (Quadrilateral) समूह’ में भारत के लिए रणनीतिक एवं आर्थिक निहितार्थों का विश्लेषण करें।
Answer : उत्तरः चतुष्कोणीय समूह में दुनिया के 4 देशों- अमेरिका, भारत, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया का एक रणनीतिक वार्ता का समूह है। इसे वर्ष 2007 में पहली बार जापान द्वारा प्रस्तावित किया गया था जिसे चीन के विरोध एवं ऑस्ट्रेलिया के ग्रुप से बाहर होने के कारण रुक गया था।
भारत के लिए इस समूह के रणनीतिक एवं आर्थिक दोहरे फायदे हैं-
भारत के लिए रणनीतिक लाभ
Question : वैश्वीकरण का लाभ उठाने एवं भारतीय अर्थव्यवस्था को डायनॉमिक व प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आवश्यक है कि भारत अपनी निर्यात अवसंरचना को आधुनिक एवं मजबूत बनाए। इस कथन के संदर्भ में भारत की निर्यात अवसंरचना की कमियों को रेखांकित करते हुए इनके समाधान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः आर्थिक उदारीकरण के लगभग 25 वर्षों के उपरांत भारत का विदेश व्यापार कई गुना बढ़ा है लेकिन विश्व में वस्तुओं के निर्यात में हमारी हिस्सेदारी महज 1.7% तक सिमटी हुई है, इसलिए वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी में वृद्धि करना बेहद जरूरी है ताकि वैश्वीकरण से उत्पन्न अवसरों का भरपूर दोहन हो सके साथ ही आर्थिक संवृद्धि एवं रोजगार सृजन में भी अपेक्षित वृद्धि हो सके। इससे भारतीय प्रतिस्पर्धा के साथ इससे भारतीय निर्यात अवसंरचना भी मजबूत होगी।
भारत के निर्यात अवसंरचना की निम्नलिखित कमियां हैं-
भारतीय निर्यात अवसंरचना की उपर्युक्त प्रमुख चुनौतियों के समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं-
Question : प्रायः यह देखा जाता है कि उच्च आर्थिक संवृद्धि से उच्च आर्थिक असमानता बढ़ती है। भारत के आर्थिक विकास में भी यही देखने को मिला है। इस कथन का समालोचनात्मक विश्लेषण करें।
Answer : उत्तरः आर्थिक संवृद्धि से तात्पर्य किसी देश में एक निश्चित समयावधि के दौरान वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन में प्रतिशत वृद्धि से है। चूंकि आर्थिक संवृद्धि में समग्रता का पहलू छूट जाता है, साथ ही यदि नीतियां कमजोर या असंतुलित या असफल रहती हैं तो देश में असमानता तेजी से बढ़ती है।
देश में आर्थिक संवृद्धि के साथ असमानता में हो रही वृद्धि के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-
Question : राष्ट्र के आर्थिक विकास में मानव पूंजी का क्या योगदान होता है?
Answer : उत्तरः किसी भी राष्ट्र के आर्थिक विकास का पैमाना सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) होता है तथा सकल घरेलू उत्पाद का मुख्य स्तम्भ भौतिक पूंजी एवं मानव पूंजी होते हैं। फिर सीमित संसाधनों से आर्थिक संवृद्धि की आकांक्षा तथा भौतिक पूंजी पर मानवीय पूंजी की प्रभाविकता एवं श्रेष्ठता ने मानवीय पूंजी को महत्वपूर्ण कारक के रूप में स्थापित करती है, जिसे निम्न बिदुओं से समझा जा सकता है-
Question : WTO का ‘‘व्यापार सुविधा समझौता’’ क्या है। भारत व्यापार सुविधा समझौते के वार्ताओं का विरोध क्यों कर रहा है?
Answer : उत्तरः बाली (इण्डोनेशिया) में 2013 में विश्व व्यापार संगठन की बैठक में कृषि सब्सिडी के मुद्दे पर पूरा विश्व लगभग 2 भागों में बँट गया तथा यह वार्त्ता व्यापार सुविधा समझौते को अंजाम तक नहीं पहुँचा पायी।
व्यापार सुविधा समझौता
भारतीय विरोध के कारण
Question : केन्द्र सरकार द्वारा 6 हवाई अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने का निर्णय लिया गया। विमानन क्षेत्र पर, इस निर्णय से पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः केन्द्र सरकार के हाल के फैसले के मुताबिक 6 विमानपत्तनों को पीपीपी मॉडल के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। ये हवाई अड्डे अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवहाटी, तिरुवनंतपुरम एवं मंगलौर हैं।
पीपीपी से लाभ
पीपीपी से हानि
भविष्य की आशंका
Question : विदेश व्यापार नीति, 2015 के लक्ष्यों को वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में साकार करना दूर की कौड़ी प्रतीत हो रही है। मूल्यांकन करें।
Answer : उत्तरः हाल में जारी इस वित्तीय वर्ष के प्रथम सात महीनों में भारत का कुल वस्तु एवं सेवा निर्यात लगभग 300 अरब डॉलर का रहा है जो निर्यात में गिरावट एवं विदेश व्यापार नीति 2015 लक्ष्यों से विचलन की पुष्टि कर रहा है।
कमी के घरेलू कारण
कमी के अंतरराष्ट्रीय कारण
क्या किया जाना चाहिए?
अब तक के प्रयास
Question : भारत के लिए अफगानिस्तान के महत्व पर प्रकार डालते हुए भारत की अफगानिस्तान में भूमिका पर चर्चा करें।
Answer : उत्तरः
भारत के लिए अफगानिस्तान का महत्व
Question : भारत-इजराइल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने में कौन-सी प्रमुख चुनौतियां हैं? टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः भारत-इजराइल संबंध, भारतीय लोकतंत्र तथा इजराइल के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है। 1992 तक भारत तथा इजराइल के मध्य किसी प्रकार के संबंध नहीं रहे। इसके मुख्यतः दो कारण थे- भारत गुटनिरपेक्ष था जो पूर्व सोवियत संघ का समर्थक था तथा दूसरे गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों की तरह इजराइल को मान्यता नहीं देता था। दूसरा मुख्य कारण, भारत फिलीस्तीन की आजादी का समर्थक था।
सकारात्मक पक्षः
चुनौतियां
Question : भारतीय बैंकिंग प्रणाली सुधार की दिशा में बैंकों का एकीकरण मुख्य स्तम्भ माना जा रहा है। इसकी प्रासंगिकता पर टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार के उद्देश्य से दस बैंकों यथा पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स व यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया; कैनरा बैंक व सिंडिकेट बैंक; यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक व कारपोरेशन बैंक तथा इंडियन बैंक व इलाहाबाद बैंक के एकीकरण का निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा लिया गया।
पृष्ठभूमि
लाभ
हानि/चुनौतियां
Question : वैश्विक समस्याएं वैश्विक समाधान की मांग करती हैं। इस संदर्भ में वैश्विक समस्याओं की चर्चा करते हुए, भारत द्वारा किए गए प्रयासों की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः हाल ही में कई वैश्विक रिपोर्टों तथा वैश्विक मंचों द्वारा उन वैश्विक समस्याओं का उल्लेख किया गया है, जो वैश्विक समाधान की मांग करती है। यथा-
वैश्विक समस्याएं
इस संदर्भ में भारत ने चार क्षेत्रों की पहचान करने के साथ-साथ वैश्विक समाधान के प्रयास भी किए हैं, जो निम्न है-
Question : ‘‘पशुधन क्षेत्र मिश्रित अर्थव्यवस्था के साथ-साथ संसाधनों के समान बंटवारे और लिंग समानता को बढ़ावा देता है।’’ इस कथन के आलोक में भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन क्षेत्र की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
Answer : उत्तरः पशुधन क्षेत्र के अंतर्गत पशुपालन, दुग्ध उत्पादन मछली उत्पादन इत्यादि क्षेत्र आते हैं:
Question : आप अवसंरचना विकास को किस प्रकार परिभाषित करेंगे? हाल के वर्षों में अवसंरचना परियोजनाओं से संबंधित भ्रष्टाचार की समस्याओं से निपटने हेतु आप क्या सुझाव देंगे?
Answer : उत्तरः आधारभूत संरचना किसी समुदाय सेवा या किसी अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए अनिवार्य होती है। यह विकास हेतु ढांचा प्रदान करने वाले परस्पर अर्न्तसम्बन्धों का एक सेट होता है। मूल संरचना व प्राकृतिक संसाधनों में निवेश की प्रथम लहर 2002 में देखी गई।
Question : हाल के दिनों में भारत के अधिकांश उड्डयन कंपनियां घाटे में चल रही हैं। उन उपायों की विस्तृत चर्चा करें, जिससे भारत उड्डयन क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर शीर्ष स्थान प्राप्त कर सके।
Answer : उत्तरः पूरे उड्डयन क्षेत्र में केवल इंडिगो ही लाभ में है। इन सबकी स्थिति के एक ही कारण हैः- अधिक कर, अच्छे नियामक की कमी, सरकार की कठोर नीति। इनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए।
Question : बिबेक देबरॉय समिति की अनुशंसाएं भारतीय रेलवे की एक सच्ची दयनीय तस्वीर दिखाते हैं। क्या ये पूर्ण रूप से लागू किये जा सकते हैं? स्पष्ट करें।
Answer : उत्तरः भारतीय रेल दुनिया की चौथी बड़ी रेलवे है। यद्यपि भारतीय रेल को बिना गति का रेल कहा जाता है। जिस गति से रेल चलती है, उसमें भी दुर्घटनाओं की स्थिति बनी रहती है। शताब्दी जैसी गाडियां जिस रफ्तार से दौड़ती है, उस गति को यूरोपीय देशों ने द्वितीय विश्व युद्ध से पहले ही हासिल कर लिया था।
Question : विदेशी अनुदान तथा विदेशी निवेश के बीच आप किसे पसंद करेंगे और क्यों? भारत में विदेशी निवेश पर उदारीकरण के क्या प्रभाव रहे हैं?
Answer : उत्तरः आर्थिक विकास के क्रम में पूंजी व तकनीकी ज्ञान की कमी के चलते विकासशील देश विदेशी सहायता पर भरोसा करते हैं। विदेशी सहायता में ऋण, विदेशी मुद्रा में भुगतान व तकनीकी सलाह को शामिल किया जाता है। विदेशों से प्राप्त अनुदान भी विदेशी सहायता के अन्तर्गत आते हैं। विदेशी ऋण की कम ब्याज वाली दीर्घावधि अच्छी मानी जाती है। यद्यपि यह सीमित रूप में हो।
विदेशी निवेश के खिलाफ तर्क
Question : भू-राजनीतिक (Geo-Polity) संघर्ष, ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि और व्यापार को बाधित कर सकते हैं। इस कथन का परीक्षण कीजिए तथा इस सन्दर्भ में विश्व व्यापार संगठन की भूमिका पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
Answer : उत्तरः यूक्रेन के संकट ने यह पुनः बता दिया है कि किस प्रकार ऊर्जा प्राचल (parameters) तथा भू-राजनैतिक परिदृश्य किसी राष्ट्र की शक्ति के आधारभूत तत्व होते हैं। यह किसी राष्ट्र के लिए राजनीतिक सुविधा या अस्थिरता सिद्ध हो सकते हैं। साथ ही, यह किसी देश हेतु आर्थिक समृद्धि या अस्थिरता का कारण हो सकते हैं।
एक संक्षिप्त सिंहावलोकन
WTO की भूमिका
Question : टीपीपी व आरसीईपी भारत के आर्थिक हितों को कैसे प्रभावित करेंगे? वर्णन करें। इसका भी परीक्षण करें कि उपर्युक्त दोनों में से भारत के लिए सामरिक महत्ता वाला कौन है?
Answer : उत्तरः RCEP एवं TPP दोनों उदारीकृत व्यापार के क्षेत्र में दौड़ नहीं लगाए हुए है, बल्कि इनकी आयात एवं निर्यात की स्थिति अन्य देशों के लिए भारी चुनौती के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं, और इसमें एशिया के दो उभरते हुए अर्थव्यवस्था भारत एवं चीन के लिए भी समस्या उत्पन्न कर रहे हैं।
Question : प्रेषण जो भारतवंशियों द्वारा भारत को भेजा जाता है वही केवल एक आर्थिक लाभ है? क्या आप इससे सहमत हैं? वर्णन करें।
Answer : उत्तरः भारतीय प्रवासियों को सिर्फ प्रेषण (Remittance) अपने स्वदेश भेजने एवं आर्थिक विकास में भागीदार बनने के नजरिए से ही देखना उचित नहीं होगा अपितु उनका योगदान राष्ट्र निर्माण में इससे बढ़कर है।
Question : कर अपवंचना (परिहार) क्या है? भारत-मॉरीशस दोहरे कराधान से बचाव समझौते के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए। यह एक देश के राजस्व को कैसे बाधित करता है एवं इस संकट पर अंकुश लगाने हेतु भारत द्वारा उठाए गए सुधारात्मक उपायों को प्रस्तुत कीजिए।
Answer : उत्तरः अपने इच्छा से कर को जमा नहीं करना ही कर अपवंचना (परिहार) कहलाता है। ये कार्य कानून की कमियों का गलत फायदा उठाकर किया जाता है। कर परिहार, अनैतिक तरीके से व्यापारियों, निगमों, पूंजीपतियों एवं व्यक्ति द्वारा कर देने से बचना है। कर देने वाली कंपनियां कर प्राधिकरण को गलत जानकारियों से गुमराह करके कर का अपवंचन करती है। कर पहिरार वैधानिक है, लेकिन सरकारी खजाने को इससे बहुत नुकसान हो रहा है।
(iii) साधारण एवं आसान कर प्रणाली (vi) भ्रष्टाचार निरोधक कानून को मजबूत बनान
(v) स्थायी कर संरचना का निर्माण (vi) कठोर दंड का प्रावधान
(vii) अधिक करदाताओं को छूट का प्रावधान
Question : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में विभिन्न कारकों के प्रभाव का परीक्षण करें। भारत के संदर्भ में परीक्षण करें कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कैसे विभिन्न क्षेत्रों में नवोन्मेष (Innovation) को बढ़ावा देगा?
Answer : उत्तरः प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का मतलब किसी देश के निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनी में किसी दूसरे देश के निवेशकों की हिस्सेदारी। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, पोर्टफोलियो विदेशी निवेश से भिन्न है। निवेशों की शुरुआत FDI की परिभाषा को प्रभावित नहीं करता है। यद्यपि निवेश किसी कंपनी को पूर्ण रूप से खरीद कर के या उस देश में कंपनी को विस्तार देकर किया जा सकता है।
FDI को प्रभावित करने वाले मुख्य कारण निम्न हैः
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं:
Question : IMF तथा WB यद्यपि पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के प्रति गंभीर रूप से झुके हुए हैं, तथापि इन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने में सराहनीय कार्य किया है। क्या आप सहमत हैं? व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः WB एवं IMF दोनों की शासन प्रणाली इसकी आलोचना की प्रमुख कारण बनती है, इसके प्रमुख दो कारण हैं- पहला कि पूर्ण रूप से ये परिश्चमी अर्थव्यवस्था के द्वारा संचालित होता है।
Question : “चीन की अर्थव्यवस्था अपने संतृप्ति स्तर पर पहुँच चुकी है, अब समय किसी दूसरी अर्थव्यवस्था का है?” क्या यह भारत हो सकता है? इस पर अपने विचार दें।
Answer : उत्तरः ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था अपने चरम पर पहुंच चुकी है। चीनी अर्थव्यवस्था अति उत्पादन क्षमता के साथ एवं घरेलू मांग के बीच टकराव की स्थिति से गुजर रही है। वैश्विक अस्थिरता इसके निर्यात को भी प्रभावित कर रही है।
Question : प्रत्यक्ष नगद भुगतान की पृष्ठभूमि क्या है? प्रत्यक्ष लाभ अंतरण कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों की चर्चा करें। अभी तक की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के कार्यान्वयन की स्थिति बतायें।
Answer : उत्तरः प्रत्यक्ष नकद अन्तरण लोगों को कुछ मापदण्डों के आधार पर दिया जाता है। इसे गरीबी उन्मूलन, पेंशन वितरण आदि में इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार की प्रत्यक्ष नकद अंतरण योजनाएं पहले से ब्राजील, मैक्सिको व श्रीलंका में चलाई जा रही है।
Question : मौद्रिक नीति वास्तव में भारत में मुद्रास्फिति पर प्रभाव डालने में विफल रही है? क्या आप सहमत हैं? रिजर्व बैंक गवर्नर द्वारा हाल ही में किए उद्घोषणाओं के प्रकाश में इसे और अधिक सक्षम बनाने हेतु उपाय सुझाइये।
Answer : उत्तरः थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर पिछले लगभग 3 वर्षों से बढ़ी हुई मुद्रास्फीति 2013-2014 में औसत 5.98 प्रतिशत पर रहकर कुछ राहत प्रदान की।
Question : नचिकेत मोर समिति की अनुशंसाओं के प्रकाश में आरबीआई (RBI) द्वारा वित्तीय समावेशन को बढ़ाने हेतु किए गए पहलों का उल्लेख कीजिए। उपर्युक्त को सरकार द्वारा शुरू किए गए जन धन योजना के परिप्रेक्ष्य से भी विश्लेषित कीजिए। क्या आपको लगता है कि बैंक खाता रखने को जीवन के अधिकार के अंतर्गत एक सकारात्मक कार्यवाही के रूप में रखा जा सकता है?
Answer : उत्तरः भारतीय रिवर्ज बैंक ने छोटे उद्यमियों व निम्न आय वाले परिवारों तक व्यापक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने के लिए 2013 में डा. नचिकेत मोर समिति का गठन किया था जिन्होंने जनवरी 2014 में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसकी कुछ सिफारिशें निम्न हैं-
वित्तीय समावेशन हेतु उठाए गए कदम
Question : आर्थिक समीक्षा 2018-19 में प्रदर्शित संवृद्धि और विकास के उभरते प्रतिरूप की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः 2005 से 2008 तक लगभग 9 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक संकट (2008-09) के कारण 2008-2009 के पश्चात् चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। उदाहरणार्थ 2012-2014 तक सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर लगभग 5 प्रतिशत रही है। इस प्रकार का जीडीपी विकास दर 1986-1988 में भी देखा गया था।
Question : क्या आपको लगता है कि आरबीआई (RBI) वास्तव में स्वतंत्र है? अपने उत्तर को सत्यापित करें।
Answer : उत्तरः RBI के स्वतंत्रता के पक्षधरों के अनुसार, स्वतंत्रता से तात्पर्य है पैसे के प्रबन्धन में स्वायंत तथा विनिमय दरों की गतिशीलता आदि में स्वतंत्र होना चाहिए। RBI 2013 में ब्याज की दरों में कमी को लेकर दबाव में था क्योंकि सरकार चाहती थी कि इससे निवेशकों व उत्पादकों को सस्ता ऋण मिलेगा व विकास को गति मिलेगी पर RBI ने महंगाई को देखते हुए मना कर दिया जो इसकी स्वतंत्रता का परिचायक है। इस तरह आरबीआई स्वतंत्र है। किंतु नई मौद्रिक नीति समिति में रिजर्व बैंक की शक्तियों को सीमित करने की वार्ता चल रही है। इस मसौदे में आरबीआई गवर्नर के वीटो करने की शक्ति को समाप्त करने की बात कही जा रही है।
इसकी स्वायतता के पक्ष में कुछ अन्य तर्क
Question : विनिमय दर क्या है तथा यह परिवर्तनीयता से किस प्रकार भिन्न है? क्या यह अपरिहार्य है कि मुद्रा परिवर्तनीय हो?
Answer : उत्तरः विनिमय दर का आशय है कि एक मुद्रा दूसरी मुद्रा में किस दर पर परिवर्तित हो रही है। जैसे 1 डॉलर को रुपए में परिवर्तन के बाद लगभग 60 रुपए मिलते हैं जबकि मुद्रा की परिवर्तनीयता से आशय है एक देश की मुद्रा को अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृत मुद्रा में परिवर्तन करने की स्वतंत्रता।
Question : मौद्रिक नीति, राजकोषीय नीति के साथ मिलकर बननी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्री के बीच हाल ही में हुए मतभेद के मद्देनजर इस कथन पर चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः वित्त मंत्री ने कहा है कि महंगाई विशेषकर खाद्य मुद्रास्फीति में आई कमी के मद्देनजर यदि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कमी करता है तो उससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
Question : MFIs तथा NBFCs का बैंकिंग क्षेत्र में आना RRBs को कठिन चुनौती देगा। यह किस प्रकार ग्रामीण बैंकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हेतु प्रेरित करेगा?
Answer : उत्तरः ग्रामीण बैंकों की स्थापना ग्रामीण इलाकों में ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था। यह ग्रामीण इलाकों में ऋण का एक उत्तम एवं सटीक संस्थान है जो इसका अभिन्न भाग बन गया है। परन्तु स्थापना के कुछ समय के बाद ही ये नुकसान में जाने लगी एवं अपने मुख्य उद्देश्य जो गरीबों को ऋण उपलब्ध कराना था से भटक गई, क्योंकि इनके पास निधि उपार्जन की कोई निश्चित साधन नहीं था।
Question : PSBs के NPA राज्यकृत बैंकों के कार्यकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार का सूचक है न कि समस्त अर्थव्यवस्था के। व्याख्या करें तथा बताएं कि इन्द्रधनुष जैसी परियोजनाएं किस प्रकार वांछित सुधार ला सकती हैं?
Answer : उत्तरः पीएसबी (PSB) का शासन संरचना स्वतंत्र नहीं है, इसके सदस्य राजनेताओं द्वारा चुने जाते हैं, जो अपने स्वेच्छा से कम दर पर ऋण को मंजूर करते हैं एवं ये पैसा जरूरतमंदों को नहीं मिल पाता है।
Question : ‘सोने का मौद्रिकरण’ हमारे व्यापार संतुलन को ठीक करेगा तथा SLR के साथ अपने जुड़ाव के कारण अर्थव्यवस्था में निवेश भी बढ़ाएगा। व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः सोने का मौद्रिकरण योजना के अंतर्गत लोग अधिकृत संस्था के पास अपना सोना जमा करा सकते हैं और उसमें ब्याज अर्जित कर सकते हैं। सोना जमा कराने के बाद तय समय के पश्चात वे अपना सोना वापस ले सकते हैं।
Question : उदारीकरण से आप क्या समझते हैं? विचारों, मांगों और आकांक्षाओं पर चर्चा कीजिए जो उदारवादियों के लिए हो?
Answer : उत्तरः उदारवाद एक क्रांतिकारी विचारधारा के रूप में उभरा तथा यह सामंतवादी विशेषाधिकारों के पतन एवं उभरते हुए बुर्जुआ वर्ग की आकांक्षाओं के रूप में परिलक्षित हुआ। इंग्लैंड, अमेरिका तथा फ्रांस की क्रांतियों से उदारवाद को निर्णायक राजनीतिक विजय प्राप्त हुई। उदारवाद एवं पूंजीवाद का उदय साथ-साथ ही हुआ। यद्यपि पूंजीवाद के सशक्त होने के साथ ही इसका झुकाव रूढि़वादी प्रवृत्तियों की ओर होने लगा।
Question : तारापोर समिति ने एक समेकित डूबन कोष (Consolidate Sinking Fund) के निर्माण का सुझाव दिया। क्या PDMA (लोक ऋण प्रबंधन एजेंसी) इसकी एक प्रतिकृति (नकल) है? टिपण्णी करें।
Answer : उत्तरः पीडीएमए (PDMA) और सीएसएफ (CSF) दोनों भारत में ऋण प्रबंधन के समस्या का संस्थागत हल है। तारापोर समिति से समेकित डूबन कोष (Consolidate Sinking Fund) के निर्माण का सुझाव था जिसका मुख्य उद्देश्य ब्याज भुगतान एवं लोक ऋण पुर्नभुगतान से विसंगतियों को दूर करना एवं इसके प्रभाव को अध्ययन करना था।
Question : भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्वयं-सतत रोजगार निर्माण क्षमता हेतु उपयुक्त रणनीतियां सुझाइये? क्या आप सोचते हैं कि बेरोजगार लोगों के लिए मनरेगा एक मानक सुरक्षा जाल है?
Answer : उत्तरः ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है कि कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाए, ऋण प्रदान किया जाए और उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंच सुनिश्चित की जाए। मनरेगा जैसी योजनाएं भी इसमे लाभकारी है। नरेगा 2005 में अस्तित्व में आया। 2006 में योजना ग्रामीण विकास मंत्रलय द्वारा लागू की गई तथा 2009 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम कर दिया गया।
आलोचना
Question : ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में, भारत सरकार के गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम की व्याख्या करें।
Answer : उत्तरः भारत सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें से प्रमुख हैं-
शहरी क्षेत्रों में
ग्रामीण क्षेत्रों में
Question : क्या आप इस बात से सहमत हैं कि औद्योगिक सुधारों का औद्योगिक संवृद्धि तथा निष्पादन पर मिश्रित प्रभाव रहा है? अपने उत्तर के समर्थन में कारण प्रस्तुत करें।
Answer : उत्तरः औद्योगिक सुधार निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। भारत में 1990 के बाद व्यापक औद्योगिक सुधार हुए। इस सुधार को निजीकरण, उदारीकरण और वैश्विकरण के रूप में जाना जाता है। इसके बाद सरलीकरण और बाह्य उधारी सीमा तथा विदेशी निवेश की सीमा से निरंतर सुधार किए जाते रहे। उदाहरणस्वरूप, पेंशन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया है। इन सुधारों का मिश्रित प्रभाव है-
Question : भारत में पशुपालन की स्थिति क्या है? भारत में सहयोगी क्षेत्रों (allied sector) की वृद्धि में उपस्थित चुनौतियों की चर्चा करें। इस क्षेत्र के विकास हेतु आपके क्या सुझाव हैं?
Answer : उत्तरः भारत में दुनिया का सर्वाधिक पशुधन पाया जाता है। भारत में दुनिया की 12% भैंसें, 2.5% ऊँट, 1.4% घोड़े, 1.5% सुअर, आदि पाए जाते हैं। सकल घरेलू उत्पाद में पशुधन का 4% तथा कृषि में पशुधन का लगभग 26% योगदान है।
सुधारात्मक उपाय
Question : वित्तीय समावेशन का उद्देश्य, देश की विकास क्षमता को प्रकट करके, अब तक उपेक्षित जनसंख्या तक वित्तीय विस्तार करना होना चाहिए। व्यापक वित्तीय सेवाओं पर समिति (CCFS), छोटे व्यवसायों और कम आय वाले परिवारों के लिए इस उद्देश्य को साकार करने के लिए क्या प्रस्ताव करती है?
Answer : उत्तरः भारतीय रिजर्व बैंक ने सितंबर 2013 में डॉ. नचिकेत मोर, रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड के सदस्य की अध्यक्षता में लघु कारोबार और कम आय वर्ग के परिवारों के लिए व्यापक वित्तीय सेवा समिति का गठन किया था।
Question : ग्रामीण-शहरी प्रवास को प्रभावित करने वाले आर्थिक और गैर-आर्थिक कारक क्या हैं? क्या हाल ही में शुरू ‘अर्बन मिशन’ इस पलायन से उत्पन्न चुनौतियों को कम कर सकता है?
Answer : उत्तरः कुछ अध्ययन यह बताते हैं कि ग्रामीण साख में कमी, बेरोजगारी, भू-संसाधनों की कमी, गरीबी आदि ग्रामीण पलायन के प्रमुख कारण हैं। वहीं अन्य यह सुझाते हैं कि शहरों में उच्च मजदूरी दर की आकांक्षा के कारण लोग गांवों से शहरों का रूख करते हैं। अन्य कई लोग इस प्रवास का मुख्य कारण शिक्षा तथा शहरी सुख-सुविधा की चाहत मानते हैं, जो लोगों को शहरों में आने के लिए मजबूर कर देती है।
प्रवास की चुनौतियों को कम करने में अरबन मिशन की भूमिका
Question : पुनर्वितरण के माध्यम से असमानता में कमी लाने से अर्थव्यवस्था को आघात लगता है, यह एक भ्रामक कथन है? चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः पिछले कुछ समय से इस बात पर बहस हो रही है कि विकास पर जोर दिया जाए या आय के पुनर्वितरण पर। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री जगदीश भगवती और अरविंद पनगरिया विकास को समर्थन दे रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पूरे जोर-शोर से पुनर्वितरण का पक्ष ले रहे हैं।
Question : ‘‘अच्छी नौकरी और आवश्यक कौशल के बिना, भारतीय जनसांख्यिकीय लाभांश भारतीय जनसांख्यिकीय आपदा के रूप में परिवर्वित हो जाएगा’’। इस कथन के संदर्भ में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किये जाने वाले उपायों की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः हमारे देश की 50% से अधिक आबादी 25 साल से कम उम्र के हैं। अतः हमारे पास अधिक संख्या में कार्य करने योग्य आबादी है।
सरकार के द्वारा उठाए गए कदम
Question : प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) सब्सिडी के दुरूपयोग को रोकने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। क्या यह अन्य राज्य प्रवर्तित कल्याण योजनाओं में प्रयुक्त किया जा सकता है? टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) योजना नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा संचालित बहुत ही सराहनीय योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य लाभार्थी तक वास्तविक लाभ को पहुंचाना एवं बिचौलियों की मनमानी को कम करना है। इससे सब्सिडी को सही समय में लाभार्थी तक पहुंचाना है।
Question : क्या हम यह कह सकते हैं कि पेमेन्ट बैंक मॉडल के द्वारा भारत ने सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन को सुदृढ़ किया है, अथवा यह बैंकिंग-नियमन प्रणाली को धूमिल कर रहा है? टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः भारत में वित्तीय समावेशन की शुरुआत उस समय हुई थी जब 1969 में ग्रामीण बैकों की स्थापना हुई एवं निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। जिसका एकमात्र लक्ष्य भारतीय गांवों को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना था।
Question : क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में योजना आयोग की कोई आवश्यकता नहीं है? अपने उत्तर के पक्ष में कारण प्रस्तुत करें।
Answer : उत्तरः योजना आयोग को 1950 में प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में स्थापित किया गया था। इसके प्रमुख उद्देश्यों में कुशलतापूर्वक संसाधनों का दोहन, रोजगार व उत्पादन वृद्धि, जीवन स्तर में सुधार आदि थे। यह एक गैर-संविधानिक सलाहकारी निकाय था।
Question : मानव संसाधन प्रबंधन से आप क्या समझते हैं? पुनर्निमित राष्ट्रीय कौशल विकास योजना के प्रकाश में मानव संसाधन प्रबंधन हेतु सरकार की पहलों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। व्यावसायिक प्रशिक्षण (vocational training) को विद्यालय पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर अपनी राय प्रकट करें।
Answer : उत्तरः मानव संसाधन प्रबंधन की प्रक्रिया से तात्पर्य होता है- मानव ऊर्जा, दक्षता आदि का अधिग्रहण कर उसे बदलते परिवेश में सक्षम तथा वचनबद्ध कर्मचारी के रूप में ढालकर संगठनात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विकसित करना।
Question : संसाधनों की लामबंदी से आपका क्या तात्पर्य है? आर्थिक संवृद्धि तथा विकास के लिए संसाधनों की लामबंदी हेतु सरकार के पहलों को उद्घाटित करें।
Answer : उत्तरः संसाधनों के जुटाव से तात्पर्य है- कौशल, उपकरण, सेवाओं, ज्ञान आदि का मानव उपयोग हेतु संगठन या लामबंदी। इससे उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम प्रयोग किया जाता है व उनके उचित उपयोग को ध्यान में रखा जाता है। निम्न चरण संसाधनों की लामबंदी हेतु शामिल होंगे-
Question : भारत में मुक्त उद्यम (Free Enterprise) के लिए समर्थन जुटाने वाले केन्द्र बिंदु के रूप में फिक्की जैसी संगठनों की भूमिका की जांच कीजिए।
Answer : उत्तरः भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की) 1927 से ही भारत में स्वतंत्र उपक्रमों को नेतृत्व प्रदान कर रहा है। बदलते समय में इसने भारतीय व्यापार को अपनी वैश्विक पहुंच तथा प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए शक्ति प्रदान की है। फिक्की गुणवत्ता, प्रतिस्पर्द्धा, पारदर्शिता, जवाबदेही तथा व्यापारी-सरकार सिविल समाज में साझेदारी तथा नैतिकता पर आधारित व्यापारी कार्य संस्कृति के साथ ही सामान्य नागरिक के जीवन स्तर को सुधारने के प्रयास का समर्थन करता है।
Question : ‘‘मेक इन इंडिया’’ का आरंभ निवेश, नवाचार तथा कौशल विकास को उत्प्रेरित करने हेतु हुआ है। इस नीति की संरचना तथा प्रक्रियाओं की चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2014 को विज्ञान भवन (नई दिल्ली) में मेक इन इण्डिया कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
देश में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए अन्य उपाय
‘मेक इन इण्डिया’ की संरचना एवं प्रक्रिया
Question : ‘क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी’ से आप क्या समझते हैं? इसके प्रभाविकता के समक्ष भारत को अवरोधक क्यों माना जा रहा है? चर्चा करें।
Answer : उत्तरः क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीइपी) आसियान राष्ट्रों का 6 अन्य राष्ट्रों के साथ यथा- चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड का मुक्त व्यापार वार्ता मंच है।
भारत की आशंकाएं
Question : हाल ही में संसद की प्राक्कलन समिति द्वारा जीडीपी गणना हेतु नये मानकों की सिफारिश की गई है। सिफारिशों को बताते हुए इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा करें।
Answer : उत्तरः जीडीपी गणना में, इसके अदृश्य मदों एवं अप्रत्यक्ष कारकों की उपेक्षा ने वर्तमान जीडीपी गणना प्रणाली पर पुनर्विचार करने को विवश किया है। इसे हाल ही में प्राक्कलन समिति के सिफारिशों से समझा जा सकता है।
प्राक्कलन समिति की सिफारिशें
Question : वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत का स्थान वर्ष 2007 के पश्चात् लगातार गिर रहा है। इसके कारणों को बताते हुए आलोचनात्मक परीक्षण करें और इसमें सुधार करने के उपायों पर चर्चा करें।
Answer : उत्तरः वैश्विक स्पर्धा सूचकांक वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम द्वारा जारी किया जाता है। 144 देशों की इस सूची में किसी देश में व्यापार संबंधी स्पर्धा तथा व्यापार के लिए सुविधाओं का परीक्षण किया जाता है। इस सूचकांक को नवाचार, स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा, उच्च तकनीक इत्यादि पहलुओ पर जांचा जाता है।
Question : उत्तर वैश्वीकरण में युवा भारत अधिक राष्ट्रवादी है। क्या आप इससे सहमत हैं? वर्तमान विश्व में इस प्रकार के विकास के क्या जोखिम हैं?
Answer : उत्तरः
वैश्वीकरण का प्रभाव
जोखिम
Question : चर्चा करें कि किस प्रकार बाजार-वैश्वीकरण ने भारतीय राजनीति को प्रभावित किया है।
Answer : उत्तरः भारतीय राजनीति को प्रभावित करने वाले अनेक कारणों में वैश्वीकरण का भी प्रमुख स्थान रहा हैं जिसके विभिन्न प्रभावों को हम निम्न बिन्दुओं के अंतर्गत विवेचित कर सकते हैं:-
Question : क्या आर्थिक उदारीकरण ने ग्रामीण गरीबों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है? चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारत में होने वाले आर्थिक विकास से सरकारों की आय में वृद्धि हुई है। आर्थिक उदारीकरण के परिणामस्वरूप देश की तेज आर्थिक संवृद्धि हुई है जिससे सरकार निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रमों में व्यय करने में सक्षम हुई हैं। इसके साथ ही एक पक्ष यह भी है कि बिचौलियों तथा भ्रष्टाचार के कारण इन कार्यक्रमों का लाभ पूर्णतः लक्षित वर्ग अर्थात निर्धनों तक नहीं पहुंच पाया।
आर्थिक उदारीकरण ने अग्रलिखित रूपों में ग्रामीण निर्धनों को प्रभावित किया है-
Question : क्या आप यह सोचते हैं कि एनसीआर का विकास मॉडल विकास केंद्र (विकसित) क्षेत्र के लाभों को विकास छाया (विकास से दूर) क्षेत्र में प्रसारित करने में प्रयुत्त किया जा सकता है? भारत में विद्यमान ऐसे कौन से क्षेत्र हो सकते हैं जो एनसीआर विकास मॉडल को अपना सकते हैं? अपने द्वारा प्रस्तुत किसी एक क्षेत्र की व्याख्या करें
Answer : उत्तरः एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के अंतर्गत दिल्ली तथा हरियाणा एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। एनसीआर के विकास से बुनियादी सुविधाओं के विकास जैसे स्वास्थ्य सुविधाएं, परिवहन, शिक्षा, आवास तथा औद्योगिक केंद्र विकास, आर्थिक विकास आदि को समझा जा सकता है। इस विकास को अल्प विकसित राज्यों के पिछड़े शहर तक पहुंचाया जा सकता है, उदाहरण के लिए बिहार का पटना शहर।
इस क्षेत्र से संबंधित समस्याएं
समुचित आवासीय सुविधाएं
Question : बजट से आप क्या समझते हैं? राष्ट्र के विकास में बजट की भूमिका को निष्पादित करते हुए बजट से जुड़े मुख्य सिद्धांतों पर प्रकाश डालें।
Answer : उत्तरः सरकारी बजट सरकार के अनुमानित खर्चों और प्राप्तियों का वार्षिक वित्तीय विवरण होता है जिसे विधायिका के समक्ष अग्रिम रूप से प्रस्तुत किया जाता है।
बजट से जुड़े कुछ मुख्य सिद्धांत जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए
Question : परीक्षण कीजिए कि औपनिवेशिक भारत में पारंपरिक कारीगरी उद्योग के पतन ने किस प्रकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अपंग बना दिया।
Answer : उत्तरः औपनिवेशिक भारत में पारंपरिक कारीगरी उद्योग के पतन की अवधारणा विऔद्योगिकरण से जुड़ी हुई है। विऔद्योगिकरण का सामान्य अर्थ होता है हस्तशिल्प उद्योगों का पतन किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में उद्योगों के समानान्तर कृषि की भूमिका का बढ़ना।
Question : पेट्रोलियम रिफाइनरियां आवश्यक रूप से कच्चा तेल उत्पादक क्षेत्रों के समीप अवस्थित नहीं है, विशेषकर अनेक विकासशील देशों में। इसके निहितार्थों को स्पष्ट कीजिये।
Answer : उत्तरः पेट्रोलियम रिफाइनरियों का क्रूड ऑयल उत्पादक क्षेत्रों के समीप होने के कम ही उदाहरण मिलते हैं। अक्सर ये रिफाइनरियां बाजार के समीप होती हैं विशेषकर विकासशील देशों में। भारत में मथुरा, पानीपत, बरौनी आदि ऐसी रिफाइनरी है जो उत्पादक क्षेत्रों से काफी दूर है।
Question : नई नीति ‘‘मेक इन इंडिया’’ के प्रतिमान की भूमिका पर चर्चा कीजिए। यह भारत में सक्रिय बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए उनके संगठन/कंपनियों का अधिक भारतीयकरण करने के लिए कैसे प्रभावी हो सकता है?
Answer : उत्तरः प्रधानमंत्री द्वारा 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ अभियान शुरू किया गया। इस पहल में घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को मूल रूप से एक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने का वायदा किया गया है ताकि 125 करोड़ की आबादी वाले मजबूत भारत को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में परिवर्तित करके रोजगार के अवसर पैदा किया जा सके।
Question : भारत सरकार की महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना पर प्रकाश डालिए। साथ ही, इस महात्वाकांक्षी परियोजना के आर्थिक एवं सामरिक महत्व को उद्घाटित कीजिए।
Answer : उत्तरः हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सागरमाला परियोजना को औपचारिक मंजूरी प्रदान की गई। इस परियोजना का उद्देश्य भारत की 7500 किमी. लम्बी तटीय रेखा में मौजूद बड़े एवं छोटे बंदरगाहों का उन्नतीकरण कर आर्थिक गतिविधियों को नया आयाम प्रदान करना है।
सागरमाला परियोजना का आर्थिक महत्व
सामरिक महत्व
Question : बी.ई.पी.एस. से क्या अभिप्राय है? यह उभरते एवं विकासशील देशों के लिए चिंता का कारण है? हाल ही में भारत के वित्तमंत्री के द्वारा कालेधन पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के लिए कौन-सा तरीका सुझाया गया है? विस्तारपूर्वक उल्लेख कीजिए।
Answer : उत्तरः बी.ई.पी.एस. (Base Erosion and Profit Shifting) से तात्पर्य आधार संकुचन एवं मुनाफे के हस्तांतरण से है। दूसरे शब्दों में, यह एक तकनीकी शब्द है जिसका प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है जब किसी बहुर्राष्ट्रीय कंपनी के द्वारा राष्ट्रीय कर आधार पर प्रचलित कर की दर से बचने के लिए कर अपवंचन रणनीतियों का प्रयोग किया जाता है।
बी.ई.पी.एस. विकासशील देशों के लिए चिंता का कारण क्यों है?
भारतीय वित्त मंत्री के द्वारा काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सुझाए गए तरीके