Question : ‘नैम (NAM) की स्थापना कृषकों की आय को 2022 तक दोगुना करने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है’। प्रधानमंत्री के द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के संदर्भ में इस कथन का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Answer : उत्तरः भारत सरकार द्वारा कृषि उत्पादन के उपरांत (Post Harvesting) की कार्यप्रणाली में सुधार लाने एवं किसानों को कृषि उत्पाद का बेहतर मूल्य दिलाने हेतु राष्ट्रीय एकीकृत मंडी की स्थापना करने का प्रस्ताव लाया गया। राष्ट्रीय एकीकृत बाजार (NAM) की स्थापना को कई विश्लेषक प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को पूरा करने का प्रमुख साधन मानते हैं।
इन विश्लेषकों के द्वारा NAM का महत्वपूर्ण कारण माने जाने के पीछे निम्नलिखित तर्क दिए जाते हैं:
Question : हाल ही में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ‘ऑपरेशन ग्रीन’ को मंजूरी प्रदान की। ऑपरेशन ग्रीन से आप क्या समझते हैं? साथ ही इसके प्रमुख उद्देश्यों की चर्चा कीजिए।
Answer : उत्तरः हाल ही में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने कच्ची फसलों का उत्पादन, आपूर्ति और मांग के बीच सामंजस्य स्थापित करने में उत्पादन, किसान और उपभोक्ताओं के बीच के समन्वय को और बेहतर करने हेतु ऑपरेशन ग्रीन को मंजूरी प्रदान की।
ऑपरेशन ग्रीन को मंजूरी प्रदान करने के उद्देश्य
Question : चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, चीन और पाकिस्तान के विभिन्न दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है, वहीं भारत के लिए चिंता का विषय है। आलोचनात्मक परीक्षण करें।
Answer : उत्तरः चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीइसी) चीन की एक बहुत महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके अंतर्गत 3218 किलोमीटर लंबा एक आर्थिक गलियारा है जो पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंझियांग प्रांत के काशगर शहर से राजमार्गों, रेलमार्ग और पाइपलाइनों से जोड़ेगा।
भारत की चिंताएं
Question : उच्च नगरीकरण ने कृषि भूमि के अतिक्रमण द्वारा भारतीय खाद्य सुरक्षा संबंधी चिंताओं को विस्तारित किया है। चर्चा करें।
Answer : उत्तरः भारत में बढ़ती हुई जनसंख्या के अनुपात में नगरीकरण का स्तर बढ़ता जा रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश की लगभग 1/3 जनसंख्या नगरों में रहती है। बढ़ता नगरीकरण विकास का सूचक तो होता है किंतु जमीन की सीमित उपलब्धता और बढ़ता नगरीकरण के कारण कृषि भूमि के सिमटने से खाद्य सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई है।
Question : ‘‘नकदी फसलों के उत्पादन का किसानों की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, फिर भी आज यह हमारी आवश्यकता है’’। भारत में नकदी फसलों के उत्पादन के वितरण स्वरूप के संदर्भ में इसका आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।
Answer : उत्तरः नकदी फसली कृषि का एक ऐसा प्रकार है जिसमें नकदी फसलों के उत्पादन पर अधिक जोर दिया जाता है जिसका उद्देश्य पैसा या नकद का निर्माण करना होता है। नकदी खेती परंपरागत खेती से भिन्न है। सामान्य फसलों का उत्पादन अपने घरेलू निर्वाह यह जानवरों के भोजनों के तौर पर किया जाता है, जबकि नकदी फसलों का ध्येय पैसा उर्पाजन पर होता है।
फायदा
नुकसान
Question : भारत में खाद्य प्रबंधन तंत्र का मूल्यांकन कीजिए। भारत में खाद्य प्रसंस्करण की स्थिति की विवेचना कीजिए।
Answer : उत्तरः खाद्य प्रबन्धन का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को कुशल तरीके से खाद्यान्न वितरण द्वारा खाद्य सुरक्षा प्रदान किया जाना है। इसमें लाभकारी मूल्यों पर किसानों से खाद्यान्नों की खरीद व उनका बफर स्टॉक, भण्डारण, सस्ती कीमतों पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्नों का वितरण, खाद्यान्नों की कीमतों में स्थिरता लाना आदि शामिल है। इस हेतु अन्य राज्य खाद्य एजेन्सियों के साथ एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) नोडल एजेंसी की तरह कार्य करती है।
Question : भारत में कृषि विपणन में सुधार की अतिशय आवश्यकता क्यों है?
Answer : उत्तरः उदारीकरण के काल में नए वैश्विक बाजारों के अवसरों का लाभ लेने के लिए एकीकृत व आन्तरिक कृषि प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है।
कुछ सुझाव
Question : भारत के निर्यात को बढ़ावा देने में कृषि क्षेत्र अभी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। चर्चा करें।
Answer : उत्तरः वैश्वीकरण व उदारीकरण के दौर में भारत के विदेश व्यापार में कृषि के लिए व्यापक गुंजाइश बची हुईं है। भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। विश्व व्यापार संगठन व विकसित देश लगातार भारत पर कृषि उत्पादों पर दी जाने वाली सब्सिडी को घटाने की मांग कर रहे हैं, तथा रेड बॉक्स जैसे विभिन्न नियमों का फायदा उठाकर अपने किसानों को सब्सिडी का लाभ दे रहे हैं।
Question : कृषि उत्पादों के लिए सरकार की मूल्य नीति पर प्रकाश डालें।
Answer : उत्तरः उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होना चाहिए ताकि उच्च निवेश व उत्पादन को प्रोत्साहन मिले व उत्पादक को लाभ हो। कृषि लागत व मूल्य आयोग ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश की है।
Question : राज्य द्वारा कृषकों को दी जाने वाली कृषि सब्सिडी तथा मुक्त व्यापार पहुंच पर बाली में हुए नवीन विकास के प्रकाश में भारत तथा ट्रिप्स (TRIPS) पर चर्चा करें। क्या आप भारत द्वारा वार्ता मंच पर रखे गए अपने दृष्टिकोण से सहमत हैं?
Answer : उत्तरः बाली इंडोनेशिया में 3 से 7 दिसंबर, 2013 के मध्य WTO का नौवां मंत्रीस्तरीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसके परिणाम के रूप में दोहा दौर के विकास आयाम को केंद्र में रखने पर सहमति हुई। भारत में इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की परंतु यह भी सुनिश्चित किया कि यह खाद्य सुरक्षा, आजीविका सुरक्षा तथा गरीबों के कल्याण के अपने रूख पर दृढ़ रहे।
भारत का रुख
Question : भारत में कृषि मूल्य नीति के दोहरे उद्देश्य क्या हैं? विश्व व्यापार संगठन समझौते का दोहा राउन्ड इन उद्देश्यों के मार्ग में कैसे बाधक है? इस पर भारत का रुख क्या है?
Answer : उत्तरः कृषि मूल्य नीति का आधारभूत लक्ष्य कृषि उत्पाद बाजार में हस्तक्षेप करना है ताकि मूल्य स्तरों में उतार-चढ़ाव तथा खेतों से खुदरा स्तर तक मूल्य विस्तार को प्रभावित किया जा सके।
WTO का दोहा राउंड
व्यापार सुविधा समझौता (Trade Facilitation Agreement) का मुख्य उद्देश्य व्यापक पारदर्शिता तथा कस्टम प्रक्रियाओं का सरलीकरण, इलेक्ट्रॉनिक भुगतान तथा जोखिम प्रबंधन कौशलों का प्रयोग तथा बंदरगाहों पर तीव्र अनुमति प्रक्रिया है।
Question : खाद्य मुद्रास्फीति एक ऐसी समस्या है जो कि अर्थशास्त्र की मांग और आपूर्ति की परिधि से बाहर है। क्या आप सहमत हैं? इस समस्या के न्यूनीकरण के लिए व्यवहार्य योजना प्रस्तुत कीजिए।
Answer : उत्तरः यह कृषि वस्तु बाजार में खाद्य वस्तुओं की लागत के बढ़ने से संबंधित समस्या है जो भूख तथा खाद्य सुरक्षा को लेकर विकासशील देशों में अधिक चिन्ता व जागरूकता पैदा करती है।
Question : भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि (प्राथमिक क्षेत्रक) अपेक्षा से अधिक योगदान देता है? परीक्षण कीजिए।
Answer : उत्तरः भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण है। देश के कुल निर्यात व्यापार में कृषि उत्पादित वस्तुओं का प्रतिशत काफी अधिक रहता है। भारत में आवश्यक खाद्यान्न की लगभग सभी पूर्ति कृषि के माध्यम से ही की जाती है।
Question : (a) भारत में हरित क्रांति की प्रगति का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
(b) पोषण आधारित सब्सिडी योजना का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
Answer : उत्तर: (a) सकल घरेलू उत्पाद में भारतीय कृषि का हिस्सा भले ही घट गया हो परन्तु यह आज भी देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारतीय कृषि की रूपरेखा में हरित क्रांति के पश्चात् बदलाव दिखाई देने लगा है, जिसमें उच्च उत्पादकता वाले बीजों, सिंचाई, भण्डारण, विपणन तथा खाद्यान्नों के वितरण को सम्बोधित किया गया था।
(b) पोषण आधारित सब्सिडी योजना का उद्देश्य तब से धूमिल हो गया है जब से यूरिया को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। यद्यपि यूरिया का उपभोग 59 प्रतिशत से बढ़कर 66 प्रतिशत 2010-2011 की तुलना में 2012-2013 में हो गया है। इसी दौर में प्रति हेक्टेयर उर्वरकों का उपयोग बढ़कर 128 से 140 किग्रा हो गया है।
Question : ‘‘व्यवहारिक समस्याओं को देखते हुए केवल एपीएमसी कानून को समाप्त कर देना कार्य नहीं करेगा। हमें मंडियों को प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है ताकि वे अधिक पारदर्शी हो सकें।’’ एपीएमसी कानून के गुण और दोषों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें तथा उपर्युक्त कथन के प्रकाश में विकल्प सुझाएं।
Answer : उत्तरः एपीएमसी (APMC) बजार एक ऐसा मंडी है, जहां किसान अपने कृषि उत्पादों को अच्छे दामों पर बेचते हैं, यह राज्य सरकारों के अधीन होता है। इस कुछ गुण एव अवगुण दोनों हैं।
गुण
दोष
उपाय
Question : कृषि विपणन में कमियां कृषि असफलता तथा उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न कृषि संकट के सबसे बड़े कारण हैं। क्या आप सहमत हैं? इसके सुधार हेतु उपाय सुझाएं।
Answer : उत्तरः भारत का अत्यधिक कार्यबल आज भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। उद्योग एवं वाणिज्य भी कच्चे माल के लिए कृषि पर ही आधारित है। अतः यह बहस का विषय बना हुआ है कि कृषि के विकास से ही अर्थव्यवस्था का विकास निर्भर करता है या कोई अन्य कारक भी है। इस स्थिति में कृषि बाजार का विकास जैसे भंडारण बजार संबंधी जानकारी एवं कृषि उत्पादन नियमावली महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
इस परिस्थितियों में सुधार लाने के लिए सरकार को बहुत ही प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है, जैसे-
Question : एक राष्ट्र एक बाजार मॉडल कृषि विपणन से संबंधित मुद्दों से निपटने हेतु आवश्यक सुधार है। टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः भारतीय अर्थव्यवस्था में 17% योगदान तथा कार्यशील जनसंख्या का 49% रोजगार प्रदान करने वाली कृषि अपेक्षित सुधार एवं संस्थागत खामियों के कारण 3% वार्षिक वृद्धि दर के साथ उपेक्षित है। फिर इस संदर्भ में प्रौद्योगिकी की कमी, विपणन प्रणाली की खामी एवं छोटे जोत ने समस्या को और विकराल किया है। इस क्रम में एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना की गई, जिसके द्वारा-
एक राष्ट्र एक बाजार की आवश्यकता क्यों
इस दिशा में बाधा
सुझाव
Question : किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण द्वारा दी जाने वाली उर्वरक सब्सिडी से संबंधित क्या-क्या चुनौतियां हैं? टिप्पणी करें।
Answer : उत्तरः हाल ही में 17 जिलों में चलाई जा रही ‘पायलट प्रोजेक्ट’ आधारित उर्वरक सब्सिडी पर प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण योजना की सफलता से उत्साहित भारत सरकार ने जून 2018 से इसे पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया है। इस सुधार के अंतर्गत अब प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण सीधा उर्वरक निर्माता कंपनियों के खाते में उनके वास्तविक बिक्री के अनुसार किया जायेगा।
Question : ‘खाद्यान्न का उपभोग तथा उत्पादन-ढांचा राज्य स्तर पर परिवर्तनशील है। अतः राष्ट्रीय खाद्य कानून के केंद्रीकृत प्रावधान संभवतः वहनीय मूल्य पर पर्याप्त मात्र में खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं होंगे।’ इस कथन का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।
Answer : उत्तरः इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IFPRI) के वैश्विक भूख सूचकांक (GHI) 2017 के रिपोर्ट के अनुसार, भारत में भूखमरी को एक गंभीर समस्या वाले श्रेणी में रखा गया है। FAO (कृषि एवं खाद्य संगठन) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत प्रथम स्थान पर है, जहां 194.6 मिलियन जनसंख्या कुपोषण से ग्रसित हैं। 48% महिलाओं में रक्त की कमी है। 5 वर्ष की आयु वर्ग के 38.7% बच्चे बौनेपन से ग्रस्त हैं। भारत में बाल मृत्यु का 50% कारण कुपोषण है। यूनिसेफ द्वारा जारी की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के सर्वोच्च पांच देशों में शामिल है जहां बच्चों की 50% मृत्यु अल्पत्ता से संबंधित है।
Question : कृषि संबंधित मुद्दों को संबोधित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर स्थानांतरित कर देनी चाहिए, जैसा कि 2016-17 बजट में भी कहा गया है। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
Answer : उत्तरः कृषि मुख्यतः संविधान की 7वीं अनुसूची के राज्य विषयों में उल्लेखित है, किन्तु संस्थागत एवं संरचनात्मक सुधारों हेतु केंद्र सरकार द्वारा बजटीय आंवटन एवं विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता के द्वारा राज्यों को कृषि के विकास के लिए सहायता दी जाती रही है, किन्तु 2016-17 के बजट में वित्त मंत्री द्वारा यह कहा जाना कि अब सरकारों को ही कृषि संबंधित मुद्दों का पूर्ण दायित्व उठाना होगा।
पक्ष
विपक्ष
Question : भारत में जल प्रबंधन संबंधी विभिन्न समस्याओं का मूल कारण इसके विभिन्न प्रयोगों के प्रबंधन हेतु एकल इकाई का न होना है।’ हाल ही में प्रस्तावित राष्ट्रीय जल आयोग के संदर्भ में इस कथन का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
Answer : उत्तरः भारत एक विशाल जनसंख्या वाला देश है जहां पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन एवं उस पर निर्भर जनसंख्या के मध्य असमान वितरण हैं। इसी असमान वितरण का सबसे बड़ा उदाहरण है भारत में जल संसाधन की आपूर्ति एवं इसके विभिन्न प्रयोगों में बेहतर प्रबंधन का अभाव, किंतु हाल ही में प्रस्तावित राष्ट्रीय जल आयोग इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। फिर भी इसके पक्ष-विपक्ष को देखने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
राष्ट्रीय जल आयोग की विशेषताएं
सबल पक्ष
निर्बल पक्ष
निष्कर्षः अंत में निष्कर्ष में इसे आवश्यक मानते हुए इस का समर्थन करें तथा यह भी बताएं कि गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में इसका प्रतिकृति मॉडल सफलतापूर्वक संचालित है। हां राज्यों के हितों को ध्यान में रखने की जरुरत है।
Question : कृषि वानिकी क्या है? क्या हम यह कह सकते हैं कि कृषि वानिकी ग्रामीण भारत के लिए सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम हो सकता है? चर्चा करें।
Answer : उत्तरः कृषि वानिकी अथवा एग्रो सिल्वीकल्चर, एक भूमि उपयोग प्रबंधन प्रणाली है जिसके अंतर्गत, कृषि भूमि अथवा चारगाह के साथ अथवा चारों तरफ़ वृक्ष उगाए जाते हैं। भूमि के विविधतापूर्ण, लाभकारी, स्वस्थ तथा सतत उपयोग हेतु एग्रो सिल्वीकल्चर में कृषि तथा वानिकी प्रौद्योगिकियों का मेल किया जाता है। कृषि वानिकी के चार रूप हो सकते हैं।
Question : पराजीनी फसलें क्या है? पराजीनी फसलों के फायदे एवं संभावित खतरों पर प्रकाश डालिए।
Answer : उत्तरः जब किसी फसल के जीनोम में कृत्रिम विधि जैसे- रिकॉम्बिनेन्ट डीएनए तकनीक द्वारा किसी दूसरे जीव के जीन को जोड़कर उसी मूल संरचना में परिवर्तन लाया जाता है, तो ऐसी जन परिवर्तित फसलें पराजीनी फसलें कहलाती हैं।
पराजीनी फसलों के लाभ निम्नलिखित हैं:
हानि
Question : कृषि क्षेत्र में युवाओं के बने रहने का ख़राब स्तर खाद्य सुरक्षा के संकट को बढ़ा देता है। भारत में भूख की समस्या से लड़ने हेतु प्रतिधारण स्तर में सुधार हेतु सरकार को कौन से कदम उठाने चाहिए?
Answer : उत्तरः कृषि में आधुनिक तकनीक और मशीनीकरण के शामिल होने के बावजूद विकास के महत्वपूर्ण सहभागी एक मानव पूंजी के रूप में युवाओं का इस क्षेत्र में अभाव है।
Question : दलहन की कृषि के लाभों का उल्लेख कीजिये जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र के द्वारा वर्ष 2016 को अन्तर्राष्ट्रीय दलहन वर्ष घोषित किया गया था।
Answer : उत्तरः दलहन एक अति महत्वपूर्ण खाद्य फसल है जो खाद्य सुरक्षा, पर्यावरणीय समस्याओं, मृदा स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह स्वस्थ आहार का एक प्रमुख स्रोत भी है।