- होम
- विशेषज्ञ सलाह
- धर्मेंद्र सर
विशेषज्ञ सलाह
सिविल सेवा की त्रि-स्तरीय परीक्षा प्रणाली (प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा एवं व्यक्तित्व परीक्षण) में व्यक्तित्व परीक्षण अर्थात् साक्षात्कार का महत्वपूर्ण स्थान है। यद्यपि मुख्य परीक्षा के 1750 अंकों की तुलना में साक्षात्कार 275 अंकों का होता है, परन्तु अंतिम रूप से चयन और वरीयता-सूची में स्थान निर्धारण के क्रम में इसकी निर्णायक भूमिका होती है। उल्लेखनीय है कि यहां अंक-प्राप्ति के स्तर पर बड़ा अंतर दिखायी देता है। कुछ अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में बेहतर नम्बर पाने के बाद भी साक्षात्कार में 30-40 प्रतिशत नम्बर पाकर बाहर हो जाते हैं जबकि मुख्य परीक्षा में कम नम्बर प्राप्त अनेक अभ्यर्थी साक्षात्कार में बेहतरीन अंक अर्जित कर अंतिम रूप से चयनित हो जाते हैं। जो भी अभ्यर्थी IAS/IPS आदि के रूप में चयनित होते हैं उनमें से अधिकांश के ‘इंटरव्यू’ में बेहतरीन अंक होते हैं। स्पष्ट है कि इस स्तर पर समुचित तरीके से किया गया सकारात्मक प्रयास आपकी सफलता में निर्णायक योगदान कर सकता है।
साक्षात्कार या व्यक्तित्व परीक्षण के माध्यम से देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों पर आसीन होने वाले उम्मीदवारों की मानसिक सजगता, समीक्षात्मक दृष्टिकोण, स्पष्ट एवं तार्किक अभिव्यक्ति, नेतृत्व क्षमता, संतुलित निर्णय की शक्ति, रुचि की विविधता, बौद्धिक एवं नैतिक ईमानदारी, आस-पास के परिवेश में घटित हो रही घटनाओं के बारे में अभिरुचि एवं दृष्टिकोण इत्यादि के संबंध में जांच की जाती है। यह जांच एवं आकलन विभिन्न क्षेत्रें के अति अनुभवी, वरिष्ठ, निष्पक्ष विशेषज्ञों के द्वारा की जाती है।
साक्षात्कार बोर्ड का उद्देश्य आपके ज्ञान मात्र का परीक्षण करना नहीं होता तथा कुछ प्रश्नों का उत्तर न देना साक्षात्कार के बिगड़ने का परिचायक नहीं है। साथ ही यह भी कि सभी प्रश्नों का उत्तर दे देना ही एक अच्छे साक्षात्कार का प्रतीक नहीं है। यहां यह बात अधिक महत्वपूर्ण होती है कि आप अवधारणात्मक प्रश्नों के संदर्भ में कैसा दृष्टिकोण रखते हैं, प्रश्नों का उत्तर आप किस प्रकार से देते हैं, आपका शारीरिक हाव-भाव (Body Language) कैसा है। जैसे- कुछ अभ्यर्थी किसी प्रश्न का उत्तर न जानने पर सॉरी बोलते वक्त अपराध या ग्लानि की भावना से युक्त हो जाते हैं और यह उनके चेहरे से अभिव्यक्त होने लगता है। दूसरी ओर कुछ अति आत्मविश्वासी उम्मीदवार बेहतरीन प्रश्नों के संदर्भ में बिना किसी विनम्रता के, कठोरता के साथ ‘सॉरी सर’ बोल देते हैं। ये दोनों स्थितियां ठीक नहीं है।
साक्षात्कार की तैयारी के संदर्भ में आप अन्य अभ्यर्थियों, मित्रें, परिवारजनों, अध्यापकों, चयनित प्रशासकों से विभिन्न मुद्दों पर व्यक्तिगत या सामूहिक वाद-विवाद (Group Discussion) कर सकते हैं। इस क्रम में छद्म साक्षात्कार (Mock Interview) भी दें। इस प्रक्रिया के क्रम में आप कभी स्वयं को बोर्ड के सदस्य के रूप में प्रस्तुत करें, तो कभी साक्षात्कार देने वाले उम्मीदवार के रूप में। इससे आप अपने भीतर तेज गति से परिवर्धन कर सकते हैं, अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं।
साक्षात्कार की तैयारी आप तीन भागों में बांटकर कर सकते हैं-
1. बायोडेटा (Bio-data)
2. विषय (Subject)
3. समसामयिकी (Current Affairs-National & International)
1. नाम
- अपने नाम का अर्थ, नाम से संबंधित कोई महान व्यक्तित्व, उससे समानता और विषमता
- एक गुण, जो आप उस महान व्यक्तित्व से लेना चाहेंगे।
- अभ्यर्थी का नाम यदि किसी ऐतिहासिक या धार्मिक महत्व का हो या किसी प्रमुख व्यक्तित्व से संबंधित है, तो फिर उस पर प्रश्न बन सकता है।
2. जन्म तिथि
- महत्व
- उस वर्ष यदि कोई विशेष घटना घटी हो, उसकी जानकारी
3. ग्राम
- प्रमुख समस्याएं
- प्रमुख विशेषताएं, संभावनाएं
- आस-पास का चर्चित स्थल/घटना
- ग्रामीण विकास के प्रमुख कार्यक्रम (केन्द्र + राज्य)
- सामाजिक-आर्थिक दशाएं, आजीविका के साधन
4- जिला
- जिले के नामकरण का आधार और उससे संबंधित जानकारी जैसे- सुलतानपुर, संत रविदास नगर, अम्बेडकर नगर, अहमदनगर, इलाहाबाद/प्रयागराज आदि।
- प्रमुख विशेषताएं, समस्याएं, संभावनाएं व सीमाएं
- चर्चित घटनाएं, प्रमुख व्यक्तित्व
- DM बनने पर जिले के लिए कौन-से तीन काम सबसे पहले करेंगे?
- जिला स्तरीय विकास कार्यक्रम
- जिले की सामाजिक-आर्थिक स्थिति
- अपने जिले का एक विकास मॉडल बताएं
5. राज्य
- प्रमुख विशेषताएं
- प्रमुख समस्याएं
- आपके राज्य में क्या संभावनाएं हैं?
- विस्तार व सीमाएं
- चर्चित घटना, चर्चित व्यक्तित्व
- राज्य स्तरीय विवाद (अन्य राज्यों से)
- आंतरिक विवाद के वर्तमान मुद्दे
- केन्द्र से संबंध की स्थिति (विवाद, मतभेद)
- राज्य की सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक स्थिति
6. बायोडेटा
- IAS क्यों बनना चाहते हैं?
- आप में ऐसा कौन-सा गुण है कि आपको IAS बना दिया जाए?
- अपनी तीन कमजोरियां बताएं
- वरीयता क्रम और उसके निर्धारण का आधार
- IAS, IPS, IFS, IRS - कार्य एवं भूमिका
- अपना परिचय दें (1 मिनट में)
7. अन्य पक्ष
- इस कक्ष का वर्णन करें?
- यदि आप किसी सरकारी या निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं, तो फिर आपसे आपकी नौकरी, कार्य-क्षेत्र, समस्याएं, उसके निदान के उपाय, व्यक्तिगत अनुभव और उसे छोड़ने के कारण पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
8. गैप
- एकेडमिक कैरियर (अगर एकेडमिक कैरियर में कोई गैप हो तो उसका कारण क्या है)
- आपके स्कूल या कॉलेज का Motto क्या है।
- Switch Over यानी एक क्षेत्र को छोड़कर दूसरे में क्यों आना चाहते हैं (शिक्षा से प्रशासन में)
- आपने साइंस विषय को छोड़कर आटर्स के विषय को क्यों लिया है?
- आप इंजीनियर हैं तो प्राइवेट सेक्टर में क्यों नहीं जाना चाहते?
- शोध-विषय - मेथेडोलॉजी - डेटा कलेक्शन, परिकल्पना
- उच्च शिक्षा की स्थितिए गठित प्रमुख आयोग और उसकी सिफारिशें (उच्च शिक्षा से संबंधित अभ्यर्थी इस पर ध्यान देंगे)
9. विषय
- आपने विषय का चयन किस आधार पर किया है?
- आपने दर्शनशास्त्र/इतिहास/भूगोल/ समाजशास्त्र--- विषय को क्यों चुना?
- प्रशासन में इसकी क्या उपयोगिता है?
10. हॉबी
- आपकी हॉबी (Hobby) प्रशासन में किस तरह मददगार होगी?
- इसको अच्छी तैयारी करें तथा सभी संभावित पक्षों पर सोच लें।
- Hobby से संबंधित उत्तर केवल तथ्यात्मक होने के बजाय बौद्धिक एवं व्यावहारिक (Intellectual Orientation) होना चाहिए।
- जैसे यदि आपकी हॉबी Diary writing है तो फिर ऐसे प्रश्न बन सकते हैं कि-
- आप क्यों Diary writing करते हैं?
- लाभ एवं नुकसान क्या है?
- Diary writing हॉबी के रूप में कैसे विकसित हुई?
- क्या प्रशासन में आने के बाद भी आप इसे जारी रखेंगे?
- Diary writing का प्रशासन में क्या योगदान होगा?
- क्या आपने किसी की Diary पढ़ी है (हिटलर, जयप्रकाश नारायण आदि)?
- Interview देने के बाद आप अपनी Diary में क्या लिखेंगे?
- पिछली बार आपने Diary कब लिखी थी और क्या लिखा था?
- क्या आप अपनी Diary हमें पढ़ने के लिए देंगे?
- आज मोबाइल/आईपैड आदि का जमाना है ऐसे में Diary लिखना क्या अप्रासंगिक हो गया है?
11. जरूर पढे़ं
- कुछ प्रमुख अखबारों के संपादकीय
- मनोरमा ईयर बुक
12. आपके रोल-मॉडल कौन हैं?
13. आपके जीवन का दर्शन क्या है?
14. कोई अच्छा काम जो आपने किया है?
15. इंटरव्यू के दिन का महत्व (यदि कोई विशेष दिवस हो तो उससे संबंधित जानकारी)
- क्या आपने आज का न्यूज पेपर पढ़ा है? 'आज के मुख्य समाचार क्या-क्या हैं?'
उत्तर के दो तरीके-
- मुख्य पृष्ठ के समाचार को बताना
- राजनैतिक समाचार, सामाजिक पक्ष, खेल पृष्ठ, राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित घटना।
16. कल्पनात्मक प्रश्न
- अगर आपको CM या PM बना दिया जाए तो कौन-से तीन काम पहले करेंगे?
- एक तरफ कुआं है, और दूसरी तरफ खाई है, किसमें गिरना पसंद करेंगे?
- गाय और भैंस में क्या अंतर है?
- यदि आप किसी जिले के DM हैं और आपकी कार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने घेर लिया है तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?
- अगर आपको भारत का प्रधानमंत्री / कृषि मंत्री / वित्त मंत्री बना दिया जाए तो फिर आप महंगाई रोकने के लिये/बेरोजगारी दूर करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाएंगे।
17. इन शब्दों को कम बोलें या न बोलें
- ‘मतलब कि’, 'Actually', 'Basically', 'you know', 'Carry on', ‘जैसा कि मैने पहले भी कहा है', ‘देखिए' आदि
18. क्या करें
- बोर्ड के सदस्यों के समक्ष नम्र तथा सकारात्मक रुख (Positive Temperament) अपनाएं। यदि आप बोर्ड के किसी सदस्य के विचार से असहमत हैं तो आप अपनी असहमति को विनम्रता के साथ प्रस्तुत करें। सीधे विरोध करने से बचें।
- कई बार बोर्ड के किसी सदस्य द्वारा अभ्यर्थी को कुछ Hint दिया जाता है, ऐसी स्थिति में उस सदस्य को धन्यवाद दें।
- तथ्यात्मक प्रश्नों के उत्तर में प्रश्न कर्त्ता से नजरें अवश्य मिलाए रखनी चाहिए। यदि प्रश्न का उत्तर लंबा हो, तो फिर आप अन्य सदस्यों की तरफ एक नजर डाल सकते हैं।
- यदि आपको किसी प्रश्न के उत्तर की पूर्ण जानकारी नहीं है या द्वं की स्थिति में हैं तो फिर वैसी स्थिति में आप Hint देने के लिये निवेदन कर सकते हैं, Guess करने की अनुमति मांग सकते हैं, या फिर आप जितना जानते हैं, उतना सीधे-सीधे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं और अपनी अपूर्णता के लिये बोर्ड से क्षमा मांग सकते हैं।
- अगर आपका इंटरव्यू ‘तनावपूर्ण’ हो तो फिर वैसी स्थिति में आप अंतिम समय तक धैर्य को बनाए रखें। अगर आप अंतिम समय तक Positively बोर्ड के समक्ष विनयशीलता के साथ टिके रह जाते हैं, तो फिर वैसी स्थिति में बेहतरीन नंबर पाने की संभावना प्रबल हो जाती है, भले ही आपने कई प्रश्नों का जवाब पूरा न दिया हो या Sorry बोला हो।
- तथ्यात्मक प्रश्नों का उत्तर तुरन्त दें। परन्तु यदि कोई अवधारणात्मक प्रश्न हो या विवादास्पद मुद्दे से संबंधित कोई प्रश्न हो, तो फिर वहां थोड़ा Pause अवश्य लें। इससे उत्तर की Framing करने में आसानी होती है।
- सभी सदस्यों को समान रूप से सम्मान दें एवं विभिन्न सदस्यों को उत्तर देने के क्रम में समान रूप से दिलचस्पी दिखाएं। केवल अध्यक्ष के प्रति विशेष रूप से लगाव न दिखाएं। इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
- साक्षात्कार में अक्सर यह भी प्रश्न पूछा जाता है कि ‘आप अपनी कमजोरियों को बताएं'। ऐसी स्थिति में आप उन क्षेत्रें को बताएं जिसमें आप सुधार चाहते हैं तथा जिसके लिये आप प्रयासरत भी हैं।
19. क्या न करें
- कभी भी वर्तमान व्यवस्था या लोकतंत्र पर सीधी उंगली न उठाएं। जब तक बोर्ड के सदस्य द्वारा पूछा गया प्रश्न पूरा न हो, बीच में न बोलें, टोका-टोकी न करें। प्रश्न को पूरा होने दें। यदि आप प्रश्न को न समझ पाएं तो एक बार आप प्रश्न को दोहराने के लिये सदस्य से निवेदन कर सकते हैं। प्रश्न के उत्तर की जानकारी होने पर मुस्कुराना प्रारंभ न कर दें।
- यदि आप किसी प्रश्न का उत्तर नहीं जानते हैं तो फिर आप ईमानदारी का परिचय देते हुए स्पष्ट बता दें। घुमा-फिराकर जवाब देने का प्रयास न करें। बोर्ड को गलत या गड़बड़ उत्तर देकर भ्रमित करने का प्रयास न करें।
- राजनीतिक विवादों में न उलझें। किसी जाति, समुदाय, धर्म या दल विशेष के प्रति पक्षतापूर्ण विचार अभिव्यक्त न करें।
- कभी भी Chairman या सदस्यों के साथ कुतर्क न करें। अगर आप बोर्ड के किसी सदस्य की बात से असहमत हैं तो आप अपनी असहमति को विनम्रता के साथ प्रस्तुत करें।
- चेहरे, बाल, शर्ट के बटन पर अपने हाथों को न फिराएं। टाई को बार-बार ठीक करने का प्रयास न करें।
- साक्षात्कार बोर्ड की दया या सहानुभूति हासिल करने के लिये जज़्बाती न बनें या अपनी गरीबी या ग्रामीण पृष्ठभूमि आदि को बताकर सहानुभूति लेने का प्रयास न करें।
- प्रश्नों का उत्तर न जानने पर चेहरे पर ग्लानि का भाव, हताशा, निराशा या अपराधबोध का भाव न झलकने दें। आप विनम्रता के साथ Sorry बोल सकते हैं।
- कुर्सी पर बैठने के बाद आप अपनी स्थिति को बार-बार न बदलें। इससे बेचैनी, शिथिलता एवं आत्मविश्वास की कमी का पता चलता है।
20. साक्षात्कार के बाद
- यदि Chairman आपसे हाथ मिलाने के लिये अपना हाथ बढ़ाएं तो आप हाथ मिला सकते हैं। आप अपनी तरफ से हाथ न बढ़ाएं।
- Chairman द्वारा अनुमति दिये जाने पर आप सहज रूप से उठें और मन्द मुस्कान के साथ सभी को धन्यवाद कहकर बाहर आएं।
- कक्ष से बाहर जाते वक्त पीछे मुड़कर न देखें।
- अपना शिष्टाचार कक्ष से बाहर जाने तक बनाए रखें। कोई विशेष शारीरिक गतिविधि न करें।
- संदेशः मन, वचन और कर्म के साथ आत्मविश्वास से युक्त होकर किया गया प्रयास कभी निरर्थक नहीं जाता। ईश्वर भी अच्छे कर्म का अच्छा फल देने के लिये बाध्य है। अतः आप अपना ध्यान नंबर पर न लगाकर अपने कर्म पर केन्द्रित करें। प्रयास करें कि साक्षात्कार में कोई गलती न हो। कोई ऐसी चीज न बोलें जो बोर्ड के सदस्यों को नागवार लगे। आप यह ध्यान रखें कि साक्षात्कार में अंतिम समय तक सकारात्मक दृष्टिकोण से युक्त होकर (Positive Bent of Mind) रहना है।
आप सफलता को शिरोधार्य करें -
इस मंगलकामना के साथ।
'PATANJALI IAS CLASSES'