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आईएनएस अरिहंत
"आईएनएस अरिहंत" के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. यह अपने ऊर्जा स्रोत के रूप में डीजल इलेक्ट्रिक इंजन का उपयोग करता है और इसे ईंधन दहन करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए साप्ताहिक रूप से सतह पर जाना पड़ता है।
2. अमेरिका, चीन और रूस के बाद परमाणु पनडुब्बी वाला भारत चौथा देश है।
3. आईएनएस अरिहंत परियोजना P-75 का परिणाम है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल 2
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B |
केवल 3
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C |
1, 2, 3
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D |
उपर्युक्त में से कोई नहीं
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Explanation :
आईएनएस अरिहंत परमाणु संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों के भारत के अरिहंत वर्ग का मुख्य जहाज है। 6,000 टन वाले इस पोत को उन्नत प्रौद्योगिकी पोत परियोजना के तहत बनाया गया था। P-75 परियोजना कलवरी वर्ग की पनडुब्बी के लिए है जो कि डीजल इंजन संचालित है। इसलिए, कथन 3 गलत है।
परंपरागत पनडुब्बियां जो डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन का उपयोग करती हैं, उन्हें ऊर्जा स्रोत के रूप में ईंधन दहन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन सतह पर आना पड़ता है। इसलिए, उन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, लेकिन परमाणु संचालित पनडुब्बियां महीनों तक भी सतह पर नहीं आती हैं। इसलिए, उनकी छुपने की क्षमता अचूक है-जैसे कि अगर किसी देश द्वारा परमाणु हमला किया जाता है तो, वह स्थलीय और हवाई प्रणाली को तो नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन अरिहंत वर्ग की पनडुब्बियों को नहीं, क्योंकि इन्हें ट्रैक नहीं किया जा सकता। (जैसा कि वे पानी के नीचे होंगे) इसके निर्माण के साथ ही अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां है। अतः कथन 1 और कथन 2 भी गलत है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
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