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ई-अपशिष्ट
ई-अपशिष्ट के बारे मेंनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- ई-अपशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक-अपशिष्ट का संक्षिप्त नाम है और यह पुराने, अप्रचलित, या छोड़े गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को संदर्भित करता है। इसमें उनके हिस्से, उपभोग्य वस्तुएंँ और पुर्जे शामिल हैं।
- भारत में ई-अपशिष्ट के प्रबंधन के लिये कानून 2011 से लागू हैं। यह अनिवार्य करते हुए कि केवल अधिकृत विघटनकर्त्ता और पुनर्चक्रणकर्त्ता ही ई-अपशिष्ट एकत्र करेंगे। ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 को वर्ष 2017 में अधिनियमित किया गया था।
- मूल रूप से बेसल अभिसमय (1992) में ई-अपशिष्ट का उल्लेख नहीं किया गया था लेकिन बाद में इसने वर्ष 2006 (COP8) में ई-कचरे के मुद्दों को शामिल किया।नैरोबी घोषणा को खतरनाक कचरे के ट्रांसबाउंडरी मूवमेंट के नियंत्रण पर बेसल कन्वेंशन के COP9 में अपनाया गया था। इसका उद्देश्य ई-अपशिष्ट के पर्यावरण के अनुकूल प्रबंधन के लिये अभिनव समाधान तैयार करना है।
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सुमेलित है/हैं?
A |
केवल 1 और 2
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B |
केवल 2
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C |
केवल 2 और 3
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D |
1, 2 और 3
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Your Ans is
Right ans is D
Explanation :
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन के ड्राफ्ट पर जनता की प्रतिक्रिया जानने के लिये एक अधिसूचना जारी की है।
- भारत में इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिये औपचारिक नियमों की एक सूची विद्यमान है, इन नियमों की घोषणा पहली बार वर्ष 2016 में की गई और वर्ष 2018 में इसमें संशोधन किया गया था।
- ई-अपशिष्ट प्रबंधन ड्राफ्ट के नवीनतम नियमों के अगस्त 2022 तक लागू होने की उम्मीद है।
- ई-कचरा इलेक्ट्रॉनिक-अपशिष्ट का संक्षिप्त रूप है और इस शब्द का प्रयोग चलन से बाहर हो चुके पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का वर्णन करने के लिये किया जाता है।
- इसमें उनके घटक, उपभोग्य वस्तुएं और पुर्जे, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार उपकरण तथा उपभोक्ता इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल होते हैं। ।
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