बर्नार्डिनेली-बरस्टीन धूमकेतु
बर्नार्डिनेली-बरस्टीन धूमकेतु के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- धूमकेतु की खोज खगोलविदों- पेड्रो बर्नार्डिनेली और गैरी बर्नस्टीन ने चिली में एक खगोलीय वेधशाला में डार्क एनर्जी सर्वे से प्राप्त अभिलेखीय छवियों के आधार पर की थी।
- इसे नवंबर 2010 में खोजा गया था और तब से इसका गहन अध्ययन किया जा रहा है।
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Explanation :
हाल ही में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (National Aeronautics and Space Administration’s- NASA) के हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है कि विशाल बर्नार्डिनेली-बर्नस्टीन धूमकेतु वास्तव में खगोलविदों द्वारा देखा गया अब तक का सबसे बड़ा बर्फीला धूमकेतु है।
- पुच्छल तारा सौरमण्डलीय निकाय है जो पत्थर, धूल, बर्फ और गैस के बने हुए छोटे-छोटे खण्ड होते है। यह ग्रहो के समान सूर्य की परिक्रमा करते है।
- छोटे पथ वाले धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ में लगभग 6 से 200 वर्ष में पूरी करते है। कुछ धूमकेतु का पथ वलयाकार होता है और वो मात्र एक बार ही दिखाई देते है।
- यह धूमकेतु एक लाख से अधिक वर्षों से सूर्य की ओर गतिशील है और माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति ऊर्ट क्लाउड (धूमकेतुओं का बादल) में हुई थी।
- ऊर्ट क्लाउड सौरमंडल का एक दूरस्थ क्षेत्र है और अनुमान है कि यह अधिकांश धूमकेतुओं का स्रोत है। ऊर्ट क्लाउड अभी भी केवल एक सैद्धांतिक अवधारणा है, धूमकेतुओं को सीधे देखा जाना मुश्किल है क्योंकि ये बहुत धुंधले और दूरी पर स्थित हैं। वर्ष 1950 में पहली बार इसकी परिकल्पना डच खगोलशास्त्री जान और्ट द्वारा की गई थी।
- बर्नार्डिनेली-बर्नस्टीन धूमकेतु 3 मिलियन वर्ष तथा लंबी अंडाकार कक्षा का अनुसरण करता है तथा इसका अनुमानित तापमान माइनस 348 डिग्री फारेनहाइट है।
- यह इतना गर्म है कि अपनी सतह से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) को उर्ध्वपातित कर देता है जिससे धूलयुक्त कोमा (Dusty Coma) उत्पन्न होता है।