अग्रिम जमानत और अंतरिम जमानत
भारत में अग्रिम जमानत और अंतरिम जमानत के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- अग्रिम जमानत न्यायालय द्वारा एक अस्थायी और छोटी अवधि के लिये ज़मानत दी जाती है जब तक कि अग्रिम ज़मानत या नियमित ज़मानत की मांग करने वाला आवेदन न्यायालय के समक्ष लंबित न हो।
- अंतरिम जमानत न्यायालय (देश के भीतर किसी भी न्यायालय) द्वारा एक ऐसे व्यक्ति को रिहा करने का निर्देश है जो पहले से ही गिरफ्तार किया गया है और पुलिस हिरासत में रखा गया है। ऐसी जमानत के लिये व्यक्ति सीआरपीसी की धारा 437 और 439 के तहत आवेदन कर सकता है।
- किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किये जाने से पहले ही जमानत पर रिहा करने का निर्देश जारी किया जाता है। ऐसे में गिरफ्तारी की आशंका बनी रहती है और जमानत मिलने से पहले व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1 और 3
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B |
केवल 2 और 3
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C |
केवल 3
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D |
उपर्युक्त सभी
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