ग्रेटर मालदीव रिज का विवर्तनिक विकास
- 25 Feb 2022
फरवरी 2022 के एक अध्ययन के अनुसार एक भारतीय शोधकर्ता ने ‘ग्रेटर मालदीव रिज’ (Greater Maldive Ridge) के विवर्तनिक विकास (Tectonic evolution) और प्रकृति का पता लगाया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित ग्रेटर मालदीव रिज की उत्पत्ति कई वर्षों से वैज्ञानिक बहस का केंद्र रहा है।
- यह अध्ययन मूल गोंडवानालैंड के टूटने को समझने में मदद कर सकता है, जिसके कारण महाद्वीपों के वर्तमान विन्यास और हिंद महासागर में महासागरीय घाटियों का निर्माण हुआ।
- मालदीव रिज एक एसिस्मिक रिज (aseismic ridge) है, जो भूकंप गतिविधियों से जुड़ा नहीं है। भारत के दक्षिण-पश्चिम में पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित इस रिज की अच्छी तरह से जांच नहीं की गई है।
- एसिस्मिक रिज की संरचना और भूगतिकी की जानकारी प्राप्त करना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह महासागरीय घाटियों के विकास को समझने के लिए काफी अहम जानकारी प्रदान करता है।
- यह अध्ययन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान 'भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान, मुंबई द्वारा किया गया।
- टीम ने पाया कि मोहो (Moho), मालदीव रिज खंड के ऊपर गहरा है और डीप सी चैनल क्षेत्र (DSC) में दक्षिण की ओर उथला है।
- शोध से पता चलता है कि 'मालदीव रिज' का निर्माण मिड-ओशनिक रिज (Mid-Oceanic Ridge) के करीब हो सकता है।
- इस बीच DSC क्षेत्र एक लंबी रूपांतरित फॉल्ट के अधीन था। इसने पिघलने में बाधा पैदा की और प्लम-रिज संपर्क (Plume-ridge interaction) के दौरान चागोस व मालदीव रिज के बीच की खाई का निर्माण हुआ।
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