तुवालु जलवायु परिवर्तन से प्रभावित
- 13 Nov 2021
तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफे ने 5 नवंबर, 2021 को समुद्र में खड़े होकर जलवायु परिवर्तन पर 'संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप-26' को संबोधित किया।
(Image Source: https://www.ndtv.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: अपने यादगार भाषण में कोफे ने चेतावनी दी कि तुवालु जैसे छोटे प्रशांत द्वीप राष्ट्र, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं।
- तुवालु, एक छोटा प्रशांत द्वीप राष्ट्र है, जो हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच में स्थित है।
- कोफे सबका ध्यान तुवालु के आसपास बढ़ते समुद्र के जलस्तर की तरफ आकर्षित करना चाहते थे। समुद्र का स्तर बढ़ता रहा तो इसे पूरी तरह से गायब होने के खतरे का सामना करना पड़ेगा।
- 2011 की ऑस्ट्रेलियाई सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, द्वीप राष्ट्र तुवालु, में 1993 से हर साल समुद्र के स्तर में लगभग 0.5 सेंटीमीटर की वृद्धि देखी गई है।
- तुवालु अकेला नहीं है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी प्रशांत महासागर में समुद्र का स्तर 1990 के बाद से वैश्विक औसत से 2-3 गुना की दर से बढ़ रहा है।
- अगर समुद्र का स्तर इस दर से बढ़ता रहा तो मार्शल द्वीप सहित इनमें से कुछ द्वीप एक राष्ट्र के रूप में अपना दर्जा खो सकते हैं।
- मोंटेवीडियो अभिसमय में निर्धारित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, एक स्टेट (देश) को चार मुख्य मानदंडों के अनुसार परिभाषित किया जाता है: एक स्थायी आबादी, एक परिभाषित क्षेत्र, एक सरकार और अन्य राज्यों के साथ संबंध बनाने की क्षमता।
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