भौतिकी का नोबेल पुरस्कार 2021
- 14 Oct 2021
2021 के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का आधा हिस्सा जापान में जन्में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका के जलवायु विज्ञानी 'स्यूकुरो मनाबे' (Syukuro Manabe) और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर मेटेरोलॉजी, हैम्बर्ग, जर्मनी के जलवायु विज्ञानी 'क्लॉस हैसलमैन' (Klaus Hasselmann) तथा शेष आधा हिस्सा इटली के सैपिएंजा यूनिवर्सिटी, रोम के भौतिक विज्ञानी 'जियोर्जियो परिसी' (Giorgio Parisi) को दिया गया है।
(Image Source: Newsonair.gov.in)
- क्यों दिया गया? "जटिल भौतिक प्रणालियों की हमारी समझ में अभूतपूर्व योगदान" के लिए।
- प्रोफेसर मनाबे और हैसलमैन ने "पृथ्वी की जलवायु के भौतिक मॉडलिंग, परिवर्तनशीलता की मात्रा निर्धारित करने और ग्लोबल वार्मिंग की मजबूती से भविष्यवाणी करने" के लिए पुरस्कार जीता, जबकि प्रोफेसर परिसी ने "परमाणु से ग्रहों के मानदंडों तक भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की परस्पर क्रिया की खोज के लिए" पुरस्कार जीता।
- 1901 में इस पुरस्कार की स्थापना के बाद पहली बार जलवायु विज्ञानियों को नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है।
- तीनों का योगदान: मनाबे ने वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़े हुए स्तर से पृथ्वी की सतह पर तापमान में वृद्धि को प्रदर्शित किया; 1960 के दशक में, उन्होंने पृथ्वी की जलवायु के भौतिक मॉडल के विकास का नेतृत्व किया।
- लगभग दस साल बाद, क्लॉस हैसलमैन ने एक मॉडल विकसित किया, जो इस सवाल का जवाब देता है कि मौसम के परिवर्तनशील होने के बावजूद जलवायु मॉडल क्यों विश्वसनीय हो सकते हैं; उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर मानव फिंगरप्रिंट की पहचान करने के लिए तरीके भी विकसित किए।
- 1980 के आसपास, परिसी ने अव्यवस्थित जटिल सामग्रियों में छिपे हुए पैटर्न की खोज की। यादृच्छिकता (randomness) और अव्यवस्थित (disorder) होने की विशेषता के चलते जटिल प्रणालियों (Complex systems) को समझना मुश्किल होता है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे