कपास अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन और निरंतरता
- 14 Oct 2021
‘कपास अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन और निरंतरता’ के भारत-जर्मनी तकनीकी सहयोग परियोजना के क्रियान्वयन हेतु वस्त्र मंत्रालय और ‘डॉयचे जिसेलसॉफ्ट फ्यूर इंटरनेशनेल सुसामनअरबायत (Deutsche Gesellschaft fur Internationale Zusammenarbeit: GIZ) ने 7 अक्टूबर, 2021 को समझौता-ज्ञापनपर हस्ताक्षर किये।
महत्वपूर्ण तथ्य: परियोजना का लक्ष्य कपास की निरंतरता बनाये रखने और उसके बाद की प्रसंस्करण प्रक्रिया को मजबूत करने पर ध्यान देते हुये भारत में कपास की पैदावार का मूल्य संवर्धन करना है।
- परियोजना के तहत कपास की पैदावार करने वाले चार प्रमुख राज्यों को केंद्र में रखा गया है – महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु।
- भारत-जर्मनी विकास सहयोग संरचना के अंग के रूप में जर्मनी के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय ने भारत के वस्त्र मंत्रालय के साथ सहयोग किया है। इस सहयोग को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है।
- GIZ परियोजना का लक्ष्य डेढ़ लाख कपास किसानों की भागीदारी से 10% अधिक पैदावार को ध्यान में रखते हुये कपास उत्पादन के परिमाण को कम से कम 90,000 हेक्टेयर तक बढ़ाना है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे