भारतीय रेल को पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन की मंजूरी
- 11 Jun 2021
9 जून, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेल को स्टेशन परिसर एवं रेलगाड़ियों में सार्वजनिक बचाव व सुरक्षा सेवाओं के लिए 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय रेल ने स्वदेशी रूप से विकसित ‘ट्रेन टकराव परिहार प्रणाली’ (Train Collision Avoidance System) को भी मंजूरी दी है।
- इस स्पेक्ट्रम के साथ ही भारतीय रेल मार्गों पर एलटीई (LTE- Long Term Evolution) आधारित ‘मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार’ (Mobile Train Radio Communication) शुरू किया जाएगा।
- यह परियोजना अगले पांच वर्षों में पूरी की जाएगी, जिसमें 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमानित निवेश किया जाएगा।
LTE: यह सेलुलर नेटवर्क पर डेटा अंतरण करने के लिए दुनिया भर में उपयोग किया जाने वाला एक 4G मानक है। 4G और LTE शब्द अक्सर समानार्थक रूप से उपयोग किए जाते हैं; हालाँकि, उनका मतलब एक ही नहीं है। विभिन्न 4G मानक हैं, और LTE उनमें से एक है। यह 3जी नेटवर्क से 10 गुना स्पीड प्रदान करता है। LTE को कभी-कभी ‘3.9G’ या ‘सुपर 3G’ भी कहा जाता है।
लाभ: भारतीय रेल के लिए LTE का उद्देश्य परिचालन, बचाव एवं सुरक्षा से जुड़े एप्लिकेशन के लिए सुरक्षित एवं भरोसेमंद वॉइस, वीडियो और डेटा संचार सेवाएं प्रदान करना है।
- इसका उपयोग आधुनिक सिग्नलिंग और ट्रेन सुरक्षा प्रणालियों के लिए किया जाएगा तथा लोको पायलटों व गार्डों के बीच निर्बाध संचार सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।
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