शाही लीची
- 03 Jun 2021
जीआई प्रमाणित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 24 मई, 2021 को बिहार से जीआई प्रमाणित ‘शाही लीची’ की पहली खेप ब्रिटेन को निर्यात की गई।
- ‘जरदालू आम’, ‘कतरनी चावल’ और ‘मगही पान’ के बाद साल 2018 में जीआई प्रमाणन प्राप्त करने वाला शाही लीची बिहार से चौथा कृषि उत्पाद था।
- शाही लीची के लिए जीआई पंजीकरण ‘मुजफ्फरपुर’ स्थित ‘बिहार के लीची उत्पादक संघ’ को दिया गया है।
- चीन के बाद भारत विश्व में लीची का ‘दूसरा’ सबसे बड़ा उत्पादक है। लीची का पारदर्शी, स्वादिष्ट या खाने योग्य गुदा भारत में एक टेबल फ्रूट के रूप में लोकप्रिय है। वहीं चीन और जापान में इसे सूखे या डिब्बाबंद रूप में पसंद किया जाता है।
- बिहार लीची के उत्पादन मामले में अव्वल है। बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, चंपारण, बेगूसराय जिले और आसपास के क्षेत्रों में शाही लीची की बागवानी के लिए अनुकूल जलवायु है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे